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नया हिंदुस्तान सीना ठोककर जवाब देता है ये एक बार फिर साबित हो चुका है। भारत को लोकतंत्र का नया मंदिर मिला है। इस नई संसद पर दुनिया भर से बधाइयां भी आई। लेकिन फ्रस्ट्रेशन की पैदाइशी बीमारी से परेशान पाकिस्तान नई संसद को लेकर भी सियारों की तरह रो रहा था।

बीते दिनों विदेश मंत्री एस जयशंकर ने जो कहा उसकी गूंज कराची से लेकर इस्लामाबाद तक महसूस की गई होगी।

पाकिस्तान से बयान आया अखंड भारत का नक्शा लगाना एक संजीदा मसला है। भारत को इस किस्म के दावों और प्रतीकों (अखंड भारत के नक्शे) का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। कुछ ऐसे ही सवाल पड़ेसी देश नेपाल और बांग्लादेश से भी उठे। मगर जब विदेश मंत्री एस जयशंकर बात करने आए तो मित्र देश और फिजूल के देश का फर्क भी समझा दिया। उन्होंने नई संसद को लेकर कहा- मुझे नहीं लगता कि इसे राजनीतिक बनाना चाहिए और जो हमारे मित्र वो समझेंगे।

उन्होंने आगे कहा कि ये समझ पाकिस्तान को आए तो आप रहने ही दीजिए। क्योंकि वो समझना ही नहीं चाहता। लेकिन पाकिस्तान का आम आदमी समझदार है। वो जान चुका है ऐसी जाहिलियत से कुछ हासिल नहीं होना। उनके लिए भारत की नई संसद किसी करिश्मे से कम नहीं है। इसको संजीदा मानना गलत है। 
 

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