राज्य स्तरीय टीम ने लिया कालाजार उन्मूलन का जायजा, CMO ने दिया Feedback

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कुशीनगर। राज्य स्तरीय टीम ने कुशीनगर में कालाजार उन्मूलन का जायजा लिया। टीम ने दो अस्पतालों पर अभिलेखों का अवलोकन किया तथा कालाजार मरीजों से मुलाकात भी की। टीम ने देर शाम मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. सुरेश पटारिया को फीडबैक दिया और रवाना हो गयी।

Kala-azar

स्वास्थ्य विभाग को कालाजार मरीजों के लिए और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा से संबंधित सुझाव दिए और इस बात का प्रचार प्रसार कराने को कहा कि कालाजार की समय से पहचान हो जाए तो मरीज ठीक हो जाता है। कालाजार का इलाज सरकारी अस्पताल में निःशुल्क है, जबकि निजी अस्पतालों में लाखों रुपये खर्च हो जाते हैं।

उत्तर प्रदेश में कालाजार एवं फाइलेरिया कार्यक्रम के अपर निदेशक( एडी) डाॅ.बिन्दु प्रकाश सिंह तथा डब्ल्यूएचओ के एनडीटी कार्यक्रम के स्टेट को-आर्डिनेटर डाॅ.तनुज शर्मा ने गुरुवार को कुशीनगर जनपद में कालाजार उन्मूलन का जायजा लिया।

सबसे पहले टीम ने सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र तमकूही और प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र तरयासुजान जाकर वहाँ कालाजार व चमड़ी कालाजार के मरीजों से संबंधित अभिलेखों का अवलोकन किया। टीम ने तमकूही के अधीक्षक डाॅ.राकेश गुप्ता व तरयासुजान के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डाॅ.अमित राय तथा स्वास्थ्य कर्मचारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिया।

इसके बाद टीम तरयासुजान क्षेत्र के ग्राम पंचायत जगदीशपुर पहुँची। वहां कालाजार मरीज काजल व अरविंद के घर जाकर मेडिकेटेड मच्छरदानी के संबंध में जानकारी ली। उन्होंने मरीजों से पूछा कि मेडिकेटेड तीन तीन मच्छरदानी मिली की नहीं। मरीजों के परिजनों ने मच्छरदानी मिलने की बात स्वीकारी। टीम ने मरीज व परिवारीजन को मच्छरदानी का नियमित प्रयोग करने को कहा।

टीम ने ग्रामीणों से पूछा कि गांव में छिड़काव हुआ कि नहीं। इस पर लोगों ने छिड़काव होने की बात कही। लोगों को बताया कि कालाजार उन्मूलन के लिए जरूरी है कि सभी लोग सावधानी बरतें। मच्छरदानी का प्रयोग करें । अगर किसी को कालाजार के लक्षण दिखे तो तत्काल नजदीक के अस्पताल पर जांच कराएं। यदि कालाजार की पुष्टि हो तो जिला अस्पताल जाकर निःशुल्क इलाज कराएं।

टीम ने बताया कि कालाजार बालू मक्खी से फैलता है। यह मक्खी नमी वाले स्थानों पर पायी जाती है। यह छह फीट की ऊंचाई तक उड़ पाती है। उसके काटने से व्यक्ति बीमार हो जाता है। उसे बुखार होता है, और रूक-रूक कर चढ़ता उतरता है। लक्षण दिखने पर चिकित्सक को दिखाना चाहिए।इस बीमारी से मरीज का पेट फूल जाता है।

भूख कम लगती है । शरीर काला पड़ जाता है। इस रोग का निःशुल्क इलाज जिला अस्पताल में उपलब्ध है।
टीम के साथ डब्ल्यूएचओ के जोनल को-आर्डिनेटर डाॅ.सागर घोडेकर, पीसीआई संस्था के सलाहकार एसएन पांडेय, सहायक मलेरिया अधिकारी अनिल कुमार चौरसिया और स्वास्थ्य सुपरवाइजर संजय सिंह भी मौजूद रहे।

कालाजार मरीजों को वर्षवार स्थिति

वर्ष——— मिले मरीज
2021———-15
2020———–16
2019———–32

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