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लोकसभा इलेक्शन 2024 से कुछ महीने पहले कांग्रेस ने बीते कल को संगठन में बड़ा बदलाव किया। कांग्रेस चीफ खड़गे ने अपनी टीम में 12 महासचिवों और 12 प्रदेश प्रभारियों की नियुक्ति की है। इनमें दो ऐसे नाम हैं, जिन पर सबकी नजरें हैं। पहला कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा, जिन्हें यूपी से हटा दिया गया है।

दूसरा नाम राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट का है। राजस्थान के हालिया विधानसभा इलेक्शन में करारी हार के बाद माना जा रहा था कि पायलट को कांग्रेस हाई-कमान बड़ी जिम्मेदारी दे सकता है। उन्हें या तो राजस्थान कांग्रेस का वापस अध्यक्ष बनाया जा सकता है या फिर नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी दी जा सकती है। 

किंतु नए फेरबदल में सचिन पायलट को राजस्थान से ही करीब करीब बाहर कर दिया गया। उन्हें छत्तीसगढ़ का प्रभारी बनाया गया है। इससे पहले कांग्रेस ने राजस्थान के पूर्व सीएम गहलोत को नेशनल अलायंस कमेटी में शामिल किया था। कांग्रेस ने नेशनल अलायंस कमेटी में जिन पांच धुरंधरों को शामिल किया है, उनमें अशोक गहलोत का नाम भी शुमार है।

ये कमेटी 2024 इलेक्शनों से पहले विपक्षी पार्टियों के गठबंधन में सीटों के बंटवारे पर सहमति बनाने का काम करेगी। हाईकमान ने दे दिया मैसेज राजस्थान के दोनों दिग्गज नेताओं को राज्य से बाहर भेजकर पार्टी हाईकमान ने एक बड़ा संदेश भी दिया है। ऐसा माना जा रहा है कि पार्टी राज्य में कोई नया चेहरा ढूंढ रही है, जिसको लेकर दोनों गुटों की सहमति बने ताकि स्टेट लेवल पर पहले की तरह खींचतान न दिखाई दे। जिसका फायदा हाल ही में हुए इलेक्शनों में भारतीय जनता पार्टी ने उठाया है। राज्य में नया चेहरा ढूंढ रही कांग्रेस।

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