ज्ञानवापी पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बहुत बड़ा बयान दे दिया और इस बयान को लेकर अब लगातार प्रतिक्रियाएं भी सामने आ रही। यहां तक कि उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी मुख्यमंत्री योगी आदित्नाथ के सुर में सुर मिलाया और उन्होंने कहा कि प्रत्यक्ष प्रमाण यानि वहां पर जो भी गवाही मिल रही है दीवारों पर जिस तरीके के चित्रांकित हैं वहां त्रिशूल का क्या काम है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पूछा था तो तमाम जो चीजें हैं वो इस बात की गवाही देती हैं कि वहां पर ज्ञानवापी मस्जिद बाद में बनाई गई। वहां पहले मंदिर था। इसको लेकर हालांकि विवाद चल रहा है और कोर्ट में मामला है तो इस पर कोई टिप्पणी करने से इससे पहले तमाम नेता बचते रहे हैं। लेकिन मुख्यमंत्री योगी आदित्नाथ अब खुलकर सामने आ गए।
उन्होंने ये भी कहा कि मुसल जो मुस्लिम समाज है उन्हें एक बड़ा कदम उठाना चाहिए। उन्हें सौहार्दपूर्ण भावना दिखाते हुए और हिन्दू भाई चारा दिखाते हुए यह फैसला लेना चाहिए कि वह खुद एक प्रस्ताव लेकर आएं। हालांकि इससे पहले बाबरी मस्जिद को लेकर भी लगातार यह मांग उठाई गई थी। हिंदू संगठन की ओर से हिंदू समाज की ओर से कि मुस्लिम जो लोग हैं, वह भाइचारा निभाते हुए एक सौहार्दपूर्ण पहल करें। लेकिन ऐसा मुमकिन नहीं हो पाया।
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