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government job fraud news: राजस्थान में एक सरकारी स्कूल टीचर की करतूत ने सबको हैरान कर दिया है। पाली जिले के उम्मेद सिंह ग्रेड-2 टीचर था। अब पुलिस की गिरफ्त में है। कारण हाई-प्रोफाइल सरकारी भर्ती परीक्षाओं में असली अभ्यर्थियों की जगह बैठकर पेपर देना है।

बीते कल को राजस्थान पुलिस की स्पेशल ऑपरेशंस ग्रुप (एसओजी) ने सिरोही में जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय से उसे धर दबोचा। ये गिरफ्तारी न सिर्फ एक शख्स की कहानी है बल्कि सरकारी नौकरी की भर्तियों में चल रहे गहरे घोटाले की परतें भी खोलती है।

अटेंडेंस लगाने पहुंचा, लग गई हथकड़ी 

एसओजी के अतिरिक्त महानिदेशक वीके सिंह ने बताया कि उम्मेद सिंह पिछले कुछ वक्त से फरार था। उसका नाम जांच में सामने आया तो वह छिप गया, मगर नौकरी बचाने की चाहत उसे ले डूबी। बुधवार को वह सिरोही में अपनी अटेंडेंस लगाने पहुंचा, तभी एसओजी की टीम ने उसे दबोच लिया। वीके सिंह ने टाइम्स ऑफ इंडिया से कहा कि उम्मेद सिंह ने सोचा था कि चुपचाप अटेंडेंस लगाकर बच जाएगा, मगर हमारी नजर उस पर थी।

उम्मेद सिंह कोई आम टीचर नहीं था। पुलिस के मुताबिक, उसने 2018 से 2022 तक कई बड़ी भर्ती परीक्षाओं में डमी कैंडिडेट बनकर खेल किया। इसमें 2018 और 2021 की सब-इंस्पेक्टर भर्ती, 2022 की ग्रेड-2 शिक्षक भर्ती, 2020 और 2022 की प्रथम श्रेणी हिंदी व्याख्याता परीक्षा, और 2022 की शारीरिक शिक्षक भर्ती शामिल हैं। हैरानी की बात? उसने 2021 में एसआई परीक्षा पास भी की थी, मगर ट्रेनिंग में शामिल नहीं हुआ।

एसओजी के मुताबिक, उम्मेद सिंह ने सात परीक्षाओं में डमी कैंडिडेट के तौर पर पेपर दिए, मगर आशंका है कि उसका रैकेट इससे कहीं बड़ा है। वीके सिंह ने बताया कि गारंटीड रिजल्ट के लिए लोगों से लाखों रुपये वसूलता था। ये एक हाई हाईप्रोफाइ और रिस्की धंधा था।

पुलिस की जांच में खुलासा हुआ कि उम्मेद सिंह ने हर परीक्षा के लिए मोटी रकम ली। उसका वादा था कि पेपर पास के लिए पैसा दो, नौकरी पक्की। लेकिन जब उसका नाम घोटाले में उछला, तो उसे निलंबित कर दिया गया। फिर भी नौकरी बचाने की जुगत में वह अटेंडेंस लगाने पहुंच गया। एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि उसकी चालाकी और लालच ने उसे इस मुकाम तक पहुंचाया। अब वो सलाखों के पीछे है।