शिक्षक दिवस (eacher’s Day) : गुरु को प्रतिष्ठा देने का ख़ास दिन

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गुरु-शिष्य परंपरा सनातन संस्कृति का एक अहम और पवित्र हिस्सा है। जीवन में माता-पिता हमें इस सुंदर दुनिया में लाते हैं। माता-पिता जीवन के सबसे पहले गुरु होते हैं। लेकिन गुरु माता-पिता से भी बढ़कर होता है। जीने का असली सलीका हमें शिक्षक ही सिखाते हैं। सही मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करते हैं। शिक्षक या गुरु कोई भी हो सकता है। भारत में प्राचीन समय से ही समृद्ध गुरु व शिक्षक परंपरा चली आ रही है। आजादी के बाद भारत में प्रतिवर्ष 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है। इसी दिन भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म-दिवस है।

 

सर्वपल्ली राधाकृष्णन का भारत में शिक्षा के क्षेत्र में अहम योगदान है। वह एक महान दार्शनिक और शिक्षक थे। उन्होंने अपने जीवन के अमूल्य 40 वर्ष एक शिक्षक के रूप में इस देश के भविष्य को संवारने में अपना योगदान दिया। उनका जन्म दिनांक 5 सितंबर 1888 को तमिलनाडु के एक छोटे से गांव तिरुतनी में हुआ था। उनके उप राष्ट्रपति बनने के बाद उनके मित्रों और कुछ छात्रों ने उनका जन्मदिन मानाने की इच्छा व्यक्त की।

डॉ. राधाकृष्णन का कहना था कि उनके जन्म दिन को शिक्षक दिवस में रूप में मनाया जाएगा तो उन्हें बहुत गर्व होगा। शिक्षा के क्षेत्र में उनके योगदान को देखते हुए हर वर्ष उनके जन्म दिन को शिक्षक दिवस (Teacher’s Day) के रूप में मनाया जाने लगा। भारत सरकार द्वारा 1962 में राधाकृष्णन के जन्म दिन को शिक्षक दिवस (Teacher’s Day) के रूप में मनाने की घोषणा की। तभी से 5 सितंबर को पुरे देश में शिक्षक दिवस मनाया जाने लगा। इस दिनभारत सरकार द्वारा श्रेष्ठ शिक्षकों को पुरस्कार भी प्रदान किया जाता है।

वैसे अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर शिक्षक दिवस 5 अक्टूबर को मनाया जाता है। इसे मनाने के लिए यूनेस्को और अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन ने 1966 में ही मसौदे को मंजूरी दी थी, लेकिन इसे 5 अक्टूबर 1994 को स्वीकार किया गया। इस मौके पर यूनेस्को और अंतर्राष्ट्रीय शिक्षा समाज द्वारा स्टूडेंट्स के विकास में शिक्षकों के योगदान को बेहतर तरीके से समझने के लिए अभियान चलाया जाता है। इसके लिए यूनेस्को कई गैर सरकारी संस्था और मीडिया संस्थानों से भी साझेदारी करता है।

अंतर्राष्ट्रीय शिक्षक दिवस का मकसद विश्व के शिक्षकों की सराहना, मूल्यांकन और सुधार पर लोगों का ध्यान आकर्षित करना होता है। इस दिन विश्व के शिक्षकों की जिम्मेदारी, उनके अधिकार और आगे की शिक्षा के लिए उनकी तैयारी और मानक को महत्व दिया जाता है। इस वर्ष विश्व शिक्षक दिवस बढ़ते संकट के बीच भविष्य की नई कल्पना की थीम पर मनाया जायेगा।

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