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Up Kiran, Digital Desk:  दिल्ली के लाल किला इलाके में हुए कार धमाके की जांच जैसे-जैसे गहरी हो रही है, वैसे-वैसे देश की सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ाने वाली जानकारियां सामने आ रही हैं. जांच एजेंसियों के हाथ एक ऐसी खबर लगी है जिसने उनकी नींद उड़ा दी है: आतंकियों द्वारा लाया गया 300 किलोग्राम अमोनियम नाइट्रेट अभी भी गायब है. यह वही खतरनाक विस्फोटक है जिसका एक छोटा हिस्सा (लगभग 2 किलो) दिल्ली धमाके में इस्तेमाल हुआ था.

सूत्रों के मुताबिक, इस विस्फोटक की तस्करी बांग्लादेश और नेपाल के रास्ते भारत में की गई थी. इस खुलासे ने एक बड़े और खतरनाक आतंकी नेटवर्क की ओर इशारा किया है जो देश में कई जगहों पर तबाही मचाने की फिराक में था.

कहां है बाकी का विस्फोटक?

जांच एजेंसियों के लिए सबसे बड़ी चुनौती अब उस 300 किलो विस्फोटक का पता लगाना है जो अभी तक बरामद नहीं हुआ है. सुरक्षा एजेंसियों को डर है कि आतंकी इस विस्फोटक का इस्तेमाल देश के दूसरे हिस्सों, खासकर उन जगहों पर कर सकते हैं जो उनके निशाने पर थीं. आपको बता दें कि पहले ही यह खुलासा हो चुका है कि आतंकियों का असली निशाना अयोध्या का राम मंदिर और वाराणसी का काशी विश्वनाथ धाम था. दिल्ली का धमाका तो बस एक ट्रेलर था जो फरीदाबाद में आतंकी मॉड्यूल के पकड़े जाने की घबराहट में कर दिया गया.

यह विस्फोटक अगर गलत हाथों में रहा तो यह एक 'टिक-टिक करते टाइम बम' की तरह है, जो कहीं भी बड़ी तबाही मचा सकता है.

कैसे भारत पहुंचा इतना विस्फोटक?

पूछताछ में पता चला है कि यह विस्फोटक एक बेहद चालाक नेटवर्क के जरिए भारत में लाया गया. इसकी तस्करी के लिए बांग्लादेश और नेपाल की खुली सीमाओं का फायदा उठाया गया, जहां निगरानी अक्सर मुश्किल होती है. यह नेटवर्क कैसे काम करता है, कौन लोग इसमें शामिल हैं और उन्होंने देश के अंदर यह विस्फोटक कहां-कहां पहुंचाया है, NIA (राष्ट्रीय जांच एजेंसी) अब इन सभी कड़ियों को जोड़ने में लगी है.

इस नए खुलासे के बाद देश के सभी प्रमुख शहरों, धार्मिक स्थलों और संवेदनशील इलाकों में सुरक्षा अलर्ट को और बढ़ा दिया गया है. एजेंसियां ​​हर सुराग पर काम कर रही हैं ताकि जल्द से जल्द इस गायब विस्फोटक को बरामद किया जा सके और किसी भी अनहोनी को होने से रोका जा सके.