
नई दिल्ली, 17 सितम्बर यूपी किरण। दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट ने दिल्ली दंगों को लेकर दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की ओर से दायर चार्जशीट पर संज्ञान ले लिया है। एडिशनल सेशंस जज अमिताभ रावत ने वीडियो कांफ्रेंसिंग से सुनवाई के दौरान स्पेशल सेल को सभी आरोपियों के वकीलों को 21 सितंबर तक चार्जशीट की प्रति उपलब्ध कराने का निर्देश दिया।

आज सभी 15 आरोपियों को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये कोर्ट में पेश किया गया। सुनवाई के दौरान वकील महमूद प्राचा ने कानूनी प्रावधानों का हवाला देकर चार्जशीट पर संज्ञान न लेने का आग्रह किया। तब कोर्ट ने कहा कि मुझे पता है, आप जो आपत्ति उठा रहे हैं। मैं रात को सोया नहीं हूं। चार्जशीट ही पढ़ रहा हूं।
पिछले 16 सितंबर को स्पेशल सेल ने दिल्ली हिंसा में साजिश रचने के मामले में यूएपीए और आर्म्स एक्ट के तहत चार्जशीट दाखिल किया था। चार्जशीट में 15 लोगों को आरोपी बनाया गया है। चार्जशीट में डिजिटल साक्ष्यों, व्हाट्सऐप चैट और कॉल डिटेल रिकॉर्ड्स के आधार पर केंद्र सरकार से अभियोजन चलाने की अनुमति ली गई है।
पिछले 16 सितंबर को स्पेशल सेल करीब 18 हजार पन्नों का चार्जशीट लेकर दो बक्सों में पहुंची थी। स्पेशल सेल ने ताहिर हुसैन को मुख्य आरोपी बनाया है। ताहिर हुसैन के अलावा जिन्हें आरोपी बनाया गया है उनमें मोहम्मद परवेज अहमद, मोहम्मद इलियास, खालिद सैफी, शादाब अहमद, नताशा नरवाल, देवांगन कलीता, तसलीम अहमद, सलीम मलिक, मोहम्मद सलीम खान और अतहर खान के नाम शामिल हैं। इस चार्जशीट में जेएनयू के पूर्व छात्र उमर खालिद और जामिया युनिवर्सिटी के छात्र शरजील इमाम का नाम शामिल नहीं है।
उमर खालिद को 13 सितंबर को करीब दस घंटे की पूछताछ के बाद स्पेशल सेल ने रात 11 बजे गिरफ्तार किया था। उसके बाद कड़कड़डूमा कोर्ट ने उमर खालिद को दस दिनों की पुलिस रिमांड पर भेज दिया था। उत्तर-पूर्वी दिल्ली में पिछले फरवरी महीने में हुए दंगों के मामले में दर्ज एफआईआर में उमर खालिद का नाम है। स्पेशल सेल के मुताबिक उमर खालिद ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भारत आगमन के पहले अन्य आरोपियों के साथ दिल्ली में दंगों की साजिश रची थी। बता दें कि दिल्ली दंगों में कम से कम 53 लोगों की मौत हो गई थी और काफी लोग घायल हुए थे।
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