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दिल्ली के जंगपुरा इलाके में डिमोलिशन यानी मकान तोड़ने का एक दर्दनाक दृश्य सामने आया है। कई परिवारों के आशियाने कुछ ही मिनटों में जमींदोज हो गए, जिससे वहां रहने वाले लोगों की आंखें आंसुओं से भर गईं। यह घटना उनके लिए एक बड़ी विपत्ति बन गई है।
डिमोलिशन की कार्रवाई में कई घर और दुकाने तहस-नहस हो गई हैं। परिवारों को बिना समय दिए उनके घरों से निकाला गया, जिससे वे बीच सड़क पर आ गए हैं। बड़ी संख्या में लोग बेघर हुए हैं और उनके सामने अब रहने का कोई ठिकाना नहीं बचा है।
जंगपुरा में यह कार्रवाई स्थानीय प्रशासन द्वारा गैरकानूनी निर्माण के चलते की गई है। हालांकि, प्रभावित परिवारों का कहना है कि उन्हें कोई नोटिस या उचित समय नहीं दिया गया। वे अब न्याय की मांग कर रहे हैं और कह रहे हैं कि इतनी जल्दी इतनी बड़ी कार्रवाई सही नहीं थी।
डिमोलिशन के दौरान कई बुजुर्ग, महिलाएं और बच्चे भी आहत हुए। कुछ ने कहा कि उनका पूरा जीवन इसी घर में बीता है, अब वे कहां जाएं। यह तस्वीरें और वीडियो उनकी पीड़ा को पूरी तरह बयान करते हैं।
समाज के कुछ लोगों और वकीलों ने भी इस कार्रवाई की निंदा की है और प्रशासन से प्रभावितों के लिए मुआवजे की मांग की है। उनका कहना है कि बिना उचित व्यवस्था के ऐसे कदम उठाना मानवाधिकारों के खिलाफ है।
यह घटना दिल्ली में बढ़ते गैरकानूनी निर्माण और उसकी सजा के बीच का एक उदाहरण है, लेकिन इसके पीछे के लोगों की कहानी भी दुखद है। उन्हें अब सुरक्षित और सम्मानजनक जीवन वापस पाने के लिए इंतजार करना होगा।
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