सरकार केवल पूंजीघरानों की हितरक्षक, किसान मजदूर और नौजवान उसकी प्राथमिकता में नहीं : नरेश उत्तम

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लखनऊ, 21 सितम्बर यूपी किरण। समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल ने कहा है कि भाजपा ने अपने चाल-चरित्र से यह स्पष्ट कर दिया है कि वह पूरी तरह पूंजीघरानों की हितरक्षक है। किसान मजदूर और नौजवान उसकी प्राथमिकता में नहीं आते हैं। वह किसानों को मजदूर बनाने वाले कृषि अध्यादेश के बाद अब श्रमिक विरोधी औद्योगिक सम्बंध संहिता-2020 विधेयक ले आई है। नौजवानों पर तो आए दिन उसकी लाठियां बरस ही रही हैं।
प्रदेश अध्यक्ष ने सोमवार को अपने बयान में कहा कि भाजपा सरकार ने श्रम कानूनों में बदलाव के नाम पर केवल पूंजीपतियों की मनमानी करने की छूट दी हैं। अब तक 100 से कम कर्मचारी वाले औद्योगिक प्रतिष्ठान या संस्थान ही पूर्व सरकारी मंजूरी के बिना कर्मचारियों को रख और उन्हें हटा सकते थे। अब नई व्यवस्था में 300 से ज्यादा कर्मचारियों वाली कम्पनी सरकार से मंजूरी लिए बिना कर्मचारियों की जब चाहे छंटनी कर सकेंगे।
 
उन्होंने कहा कि नए प्राविधान से अब बड़े फैक्टरी मालिकों के हाथ में छंटनी का ऐसा हथियार आ गया है जिसका दुरुपयोग करके और दबाव डालकर एक तो कर्मचारी यूनियन ही बनने नहीं देंगे, दूसरे अपने कर्मचारियों को छंटनी का जब तब भय दिखाकर उन्हें बंधुआ मजदूर बनाकर रखने को स्वतंत्रत होंगे।
 
प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि समाजवादी पार्टी श्रमिकों के हितों की सुरक्षा के लिए जोरदार आवाज उठाएगी। बेकारी सुरसा की तरह बढ़ती जा रही है। पहले ही कोरोना संकट और लाॅकडाउन से बड़ी संख्या में श्रमिकों को तमाम आर्थिक परेशानियां उठानी पड़ रही है। आज भी वे उससे उबर नहीं पाए हैं। अब भाजपा श्रमिक वर्ग का मनोबल तोड़ने, उन्हें असहाय बनाने की साजिश में जुट गई है। 
 
उन्होंने कहा कि इससे साबित हो गया है कि श्रमिकों को रोजगार देने के उसके दावे सिर्फ सफेद झूठ है। ऐसी झूठी और प्रपंच रचने वाली सरकार को जनता बर्दाश्त नहीं करेगी। सन् 2022 के चुनावों में किसान, श्रमिक और नौजवान मिलकर भाजपा को सत्ता से बेदखल करने का पुण्य कार्य करेंगे।
 

 

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