जज ने पूछा किसके साथ रहना है? बच्ची ने किया ये इशारा और हो गया फैसला

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जोधपुर। राजस्थान हाई कोर्ट का एक फैसला चर्चा का विषय बना हुआ है. दरअसल जोधपुर में राजस्थान हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान वरिष्ठ न्यायाधीश संदीप मेहता और न्यायाधीश देवेन्द्र कछवाहा की खंडपीठ ने एक 5 साल की बच्ची लावण्या से पूछा कि वह किसके साथ रहना चाहती है।

Five year old girl Lavanya

इस पर लावण्या ने वहां खड़ी अपनी मौसी सुमित्रा की तरफ इशारा किया। इसके बाद खंडपीठ ने फैसला सुनाते हुए कहा कि मासूम बच्ची लावण्या इच्छा अनुसार अपनी मौसी सुमित्रा के पास रहेगी। कोर्ट ने इसके लिए उसे इजाजत दे दी। लावण्या को गोद में लेते ही मौसी सुमित्रा के आंसू झलक पड़े।

सुनवाई के दौरान न्यायालय के समक्ष लावण्या के ननिहाल से नाना-नानी व मौसी मौजूद थे, वहीं दादा-दादी व बुआ भी न्यायालय में थे लेकिन लावण्या की इच्छा अनुसार ही उसे मौसी के साथ भेजा गया।

बच्ची ने कहा था- पापा ने मम्मी को मारा

5 वर्षीय लावण्या के नाना मोहनसिंह की तरफ से खंडपीठ को बताया गया कि उनकी पुत्री सुनीता कंवर की शादी हरियाणा के भिवानी निवासी परविन्दर सिंह के साथ की गई थी। इस साल की शुरुआत में सुनीता कंवर की हत्या हो गई। हत्या के समय लावण्या अपनी मां के साथ में थी। मोहन सिंह की ओर से कहा गया कि बाद में लावण्या के बयान 164 में दर्ज किए गए। इसमें बच्ची ने कहा कि मेरे पापा ने मम्मी को मार दिया। इसके बावजूद भिवानी के जांच अधिकारी व बाल कल्याण समिति ने 19 मार्च 2020 को बच्ची की कस्टडी उसके पिता व दादा-दादी को सुपर्द करवा दी।

मुख्य गवाह होने के कारण अपने दादा-दादी के साथ रह रही बच्ची की जान को खतरा है। यह बच्ची पहले से ही जोधपुर के एक स्कूल में पढ़ाई कर रही थी। ऐसे में इस बच्ची को वापस उसकी मौसी सुमित्रा कंवर को सौंपा जाए। सभी पक्षों को सुनने के पश्चात खंडपीठ ने जोधपुर के पुलिस उपायुक्त(पश्चिम) को 8 दिसम्बर को इस बच्ची को कोर्ट में पेश करने का आदेश दिया था।

कोर्ट में विशेष रूप से उपस्थित रहने की अनुमति प्रदान की गई

लावण्या को उसके नाना की तरफ से दायर बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर मंगलवार को हाईकोर्ट में पेश किया गया। कोरोना के कारण ऑनलाइन होने वाली सुनवाई के बावजूद मंगलवार को लावण्या के नाना-नानी व मौसी के अलावा उनके वकील को विशेष रूप से कोर्ट में उपस्थित रहने की अनुमति प्रदान की गई। हाईकोर्ट की खंडपीठ ने बच्ची से पूछा कि वह किसके साथ रहना चाहती है। इस पर लावण्या ने वहां खड़ी अपनी मौसी के साथ रहने की इच्छा व्यक्त की। इस पर खंडपीठ ने उसे मौसी के साथ भेजने का आदेश दिया।

इससे पहले 3 दिसम्बर को हुई सुनवाई में न्यायाधीश संदीप मेहता व न्यायाधीश मनोज कुमार गर्ग की खंडपीठ ने आज लावण्या को कोर्ट में पेश करने का आदेश दिया था। अपने दादा-दादी के साथ लावण्या आज कोर्ट में पेश हुई।

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