पूरी दुनिया इस समय भयानक जलसंकट से जूझ रही है। नदियां सूख रही हैं। जमीन का वॉटर लेवल लगातार गिर रहा है। कई बार तो कहा जाता है कि अगला विश्वयुद्ध पानी के लिए होगा। भारत के कई इलाकों में पीने के पानी के लिए लोगों को कई किलोमीटर जाना पड़ता है। यूएन की लेटेस्ट रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया के 26 पर्सेंट लोगों को साफ पानी नसीब नहीं। लेकिन इस भीषण जलसंकट के बीच वैज्ञानिकों ने ऐसी मशीन तैयार की है जो हवा से पानी बना देगी।
अब तक आपको जो पीने का पानी मिल रहा है, वह पब्लिक वॉटर सप्लाई से ग्राउंड वॉटर बोरिंग से मिलता है, कुएं से हैंडपंप से मिलता है। लेकिन आप कहें कि आपके घर में जो साफ पानी आएगा, वह हवा से आएगा। आपको हवा से पानी निकालने वाली मशीन लेनी होगी। यह आप सुनकर हैरान हैरान रह जाएंगे। हवा से पानी बनाने वाली इस तकनीक का नाम है एटमॉस्फेरिक वॉटर जेनरेटर यानी वातावरण से पानी बनाने वाली मशीन। इस नाम को सुनकर आपको लग रहा होगा कि कोई तगड़ी तकनीक है जो हवा को पानी में तब्दील कर देती है। लेकिन यह कोई रॉकेट साइंस वाली तकनीक है।
आपने कई बार ध्यान दिया होगा कि जब फ्रिज से कोई ठंडी पानी की बोतल या कोल्डड्रिंक निकालकर बाहर रखते हैं तो उसके चारों तरफ पानी की बूंदें इकट्ठा हो जाती हैं। दरअसल, तापमान की वजह से वातावरण में मौजूद नमी या उमस पानी की बूंदों में बदल जाती है। बस इसी साइंस का इस्तेमाल करके वैज्ञानिकों ने ऐसी मशीनें तैयार कर दी हैं जो हवा से पानी बना देती हैं और यह पूरी तरह शुद्ध, साफ और पीने लायक पानी।
मशीन ऐसे बनाती है पानी
आगे बढ़ने से पहले आपको इस मशीन का डेमो बताते हैं। यह मशीन किस तरह पानी बनाती है? हवा से सबसे पहले ब्लोअर के जरिए मशीन में हवा को खींचा जाता है। यहां लगे फिल्टर्स हवा से धूल वगैरह निकाल देते हैं। इसके बाद मशीन में लगा हीट एक्सचेंजर जो है वह हवा के हीट एक्सचेंजर की वजह से हवा कंडेंसर में लगी ठंडी ओजोन क्वाइल से टकराती है और पानी की बूंदों में कनवर्ट हो जाती है। इसके बाद पानी का फिल्टर और मिनरल और मिनरल हाइड्रेशन किया जाता है। उसमें यूवी तकनीक से पानी से बैक्टीरिया खत्म हो जाते हैं और उसमें जरूरी मिनरल मिल जाते हैं। इस प्रोसेस के बाद पानी पूरी तरह से साफ हो जाता है और आप हवा से निकला हुआ पानी पी सकते हैं। अभी यह थोड़ी तकनीक महंगी है, लेकिन आने वाले वक्त में सस्ती होगी।
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