Uttar Pradesh: महिलाओं का सामाजिक और आर्थिक विकास संस्था का मुख्य उद्देश्य: एना मारिया

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महराजगंज। स्वीडेन से महराजगंज आयी चाइल्ड फंड संस्था की हेड एना मारिया ने कहा कि महिलाओं का सामाजिक और आर्थिक विकास करना ही संस्था का मुख्य उद्देश्य है। इसके लिए संस्था महिलाओं को तकनीकी जानकारी के साथ अन्य संसाधन ( सीड्स एंड टूल्स) उपलब्ध करा रही है। विशेष बातचीत में मारिया ने कहा कि महराजगंज में वह पहले ही आने वाली थी, मगर कोरोना की वजह से नहीं आ सकीं।

उन्होंने कहा कि महराजगंज जिले में बासमती चावल के उत्पादन और बाजार विकसित करने की दिशा में संस्था काम कर रही है। संस्था ने बिजनेस प्लान भी तैयार कर लिया है। जल्द ही उसे व्यवहार में लाया जाएगा। मौसम के अनुसार खेती करने की विशेष आवश्यकता है ताकि बेहतर उत्पादन मिल सके। उत्पादन का बेहतर मूल्य मिल सके, इसके लिए फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी विकसित की जा रही है।

उन्होंने कहा कि महराजगंज जनपद मे करीब 1500 महिला किसान संस्था से जुड़कर अपनी जिंदगी संवार रही हैं। उन्हें इस काम में घर के पुरुषों का भी विशेष सहयोग मिल रहा है। चाइल्ड फंड स्वीडेन की एना मारिया के साथ चाइल्ड फंड भारत के रंजन श्रीवास्तव ( ट्रांसलेटर) संदीप ( क्लस्टर समन्वयक) विपीन श्रीवास्तव तकनीकी समन्वयक भी मौजूद रहे।

महिला किसानों के साथ साझा किया अनुभव

स्वीडेन से चलकर महराजगंज पहुंची चाइल्ड फंड संस्था की हेड एना मारिया ने महिला किसानों के साथ बैठक कर अनुभव साझा किया। महिलाओं से खेती किसानी में आ रही व्यवहारिक दिक्कतों के बारे मे भी पूछा। महिला किसानों ने खेती किसानी पर मौसम की मार का हवाला देकर इन साल गेंहू उत्पादन के कमी बतायी। उन्होंने फसल बीमा योजना के बारे में भी जानकारी हासिल की।

महिलाओं से पूछा कि तकनीकी खेती के लिए संस्था द्वारा जानकारी दी जाती है कि नहीं? सभी ने कहा कि समय समय पर तकनीकी जानकारी उपलब्ध कराई जाती है। उन्होंने बाढ़ प्रभावित इलाके में खेती के बारे में भी जानकारी हासिल की। मारिया के एक प्रश्न के उत्तर में महिलाओं ने कहा कि संस्था से जुड़ने के बाद परिवार के साथ बच्चों का भी विकास हो रहा है। उनको पढ़ाने लिखाने की राह आसान हो गयी है।

सृष्टि सेवा संस्थान के सचिव सुनील पांडेय ने बताया कि इन साल जिले मे बासमती 1131, बासमती 1504 तथा बासमती सीएसआर-30 प्रजाति की खेती कराई गयी थी। इनमें से सीएसआर -30 का उत्पादन अच्छा हुआ है। एक एकड़ भूमि में 28 कुंटल उत्पादन रिकार्ड किया गया है। बैठक उपस्थित रवि पांडेय, रीता शर्मा( कार्यक्रम समन्वयक) महिला किसानों में मृणालिनी तिवारी, शीतल, उषा देवी, फुटरा देवी, मालती देवी, सुशीला देवी के नाम प्रमुख हैं।

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