गलवान में जिस पेट्रोलिंग पॉइंट के लिए हुई हिंसक झडप, जानिए किसका कब्ज़ा है अब वहां

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15 जून को गलवान में भारतीय और चीनी सेना के बीच एक हिसंक झडप हो गई, जिसके बाद से दोनों देशों के बीच तनाव बना हुआ है. वहीँ बता दें कि अब गलवान घाटी में मौजूदा स्थिति के बारे में पूर्व आर्मी चीफ ने कहा कि गलवान घाटी का जो इलाका भारत के पास था, वो अब भी हमारे पास है।

इसके साथ ही उन्होंने कहा, ‘झगड़े की जड़ पेट्रोल पॉइंट 14 है जो अब भी भारत के नियंत्रण में है। गलवान घाटी का एक हिस्सा उनके पास है और एक हिस्सा अब भी हमारे पास है। चीन 1962 से वहां बैठा है लेकिन हम भी वहां से नहीं हिले हैं। केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि, ‘हम अपनी तरफ थे और वे अपनी तरफ। फिर कोई हमारी तरफ से उधर गया और कोई वहां से इधर आया। हमें यह सब जानकारी साझा करने की जरूरत नहीं है क्योंकि हर किसी को यह जानने की जरूरत नहीं है।‘

गलवान की अहमियत
पूर्वी लद्दाख में एलएसी के करीब स्थित गलवान घाटी क्षेत्र सामरिक दृष्टि से बेहद अहम है। इस इलाके में एलएसी पर कोई विवाद नहीं रहा है, लेकिन चीन अब पूरी गलवान घाटी पर अपना दावा जता रहा है। चीन को आशंका है कि इस इलाके में भारत की मजबूत स्थिति से उसकी मुश्किलें बढ़ सकती हैं। गलवान सेक्टर बेहद संवेदनशील है, क्योंकि एलएसी के नजदीक डीएस-डीबीओ रोड से जुड़ता है।

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