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आपने स्वीडन, डेनमार्क से कुरान की किताबें जलाने की खबरें सुनी होंगी लेकिन अब जो कुरान को जलाने की खबर सामने आ रही है वह मुल्क इस्लामी मुल्क है, जहां की 90 फीसद आबादी मुसलमानों की है। हैरान करने वाली बात यह है कि यहां एक दो नहीं बल्कि कुरान की 45 किताबों को आग के हवाले कर दिया गया है और कुरान को आग लगाने वाले किसी दूसरे मजहब के लोग नहीं बल्कि खुद मुसलमान ही थे। सवाल ये है कि आखिर ऐसा क्या हुआ कि अपनी ही पवित्र किताब कुरान के मुसलमानों ने आग के हवाले कर दिया। फिर उन लोगों के साथ आखिर हुआ क्या? आईये जानते हैं।

दरअसल यह खबर पड़ोसी मुल्क बांग्लादेश से सामने आई है, जहां कुरान को जलाने के बाद हजारों लोग सड़कों पर उतर आए और पुलिस वालों पर ही हमला कर दिया। यह मामला बांग्लादेश के पूर्वोत्तर शहर सिलहट से सामने आया है, जहां पुलिस ने दो लोगों को कुरान जलाने के आरोप में गिरफ्तार किया है।

कुरान जलाने वालों की पहचान स्कूल प्रिंसिपल नुरूल रहमान और उसके सहयोगी महबूब आलम नामक के रूप में हुई है। लोगों को जब इस बात की भनक हुई तो लगभग 10,000 लोगों की भीड़ सड़क पर उतर आई और उन्होंने जमकर प्रदर्शन किया। इस भीड़ ने दोनों आरोपियों को जान से मारने की कोशिश की।

न्यूज एजेंसी एएफपी ने पुलिस अधिकारी अजहर अलीशेर के हवाले से लिखा है, रविवार से लेकर सोमवार तक कुरान जलाने के विरोध में 10,000 लोग प्रदर्शन कर रहे थे। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए रबर की गोलियां और आंसू गैस के गोले छोड़े गए। वहीं ढाका ट्रिब्यून में छपी खबर के मुताबिक सिलहट मेट्रोपोलिटन पुलिस आयुक्त मोहम्मद अली शरीफ ने कहा, कुरान जलाए जाने को लेकर स्कूल के शिक्षक, छात्र और इलाके के अन्य लोग प्रिंसिपल व अन्य आरोपित से नाराज थे। इसलिए भीड़ ने उन दोनों को घेर कर पिटाई कर दी। हालांकि बाद में पुलिस ने दोनों को बचा लिया।

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