नए साल के दूसरे दिन ही किसान आंदोलन से आई दुख भरी खबर, गुस्से में किसान

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गाजियाबाद। पिछले 37 दिनों से नए कृषि कानूनों के विरुद्ध आंदोलन कर रहे किसानों के लिए शनिवार की सुबह एक दुख भरी खबर लेकर आई। गाजीपुर बॉर्डर पर 60 वर्षीय एक किसान ने शौचालय में आत्महत्या कर ली।
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प्रशासन में खलबली मची

इस घटना के बाद किसानों में रोष बढ़ गया है और प्रशासन में खलबली मची हुई है। अभी तक पूरे देश में किसान आंदोलन में के दौरान आत्महत्या करने या अन्य कारणों से अब तक 42 किसानों की मौत हो चुकी है। इससे पहले संत राम सिंह व एक अन्य किसान खुदकुशी कर चुके हैं।

जिला अध्यक्ष चौधरी विजेंद्र सिंह बोले

भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) के जिला अध्यक्ष चौधरी विजेंद्र सिंह ने बताया कि आज सुबह जब सफाई कर्मचारी शौचालय की सफाई करने के लिए पहुंचे तो वहां देखा कि एक किसान फंदे पर लटका हुआ है। उसने तत्काल इसकी सूचना किसानों को दी। सूचना पर तत्काल तमाम किसान मौके पर पहुंचे और फंदे से उतार कर उसे अस्पताल भिजवाया लेकिन तब तक किसान की मौत हो चुकी थी।

बिलासपुर के किसान ने की आत्महत्या

उन्होंने बताया कि मरने वाला किसान बिलासपुर निवासी कश्मीरा सिंह है, जो यहां पर नए कृषि कानूनों के विरोध में चल रहे आंदोलन में शामिल था। विजेंद्र सिंह ने कहा कि किसान हौसला बनाए रखें और आत्महत्या जैसे आत्मघाती कदम ना उठाएं। उन्होंने कहा कि हम लोग अपने हकों के लिए सरकार से लड़ रहे हैं। ऐसे में सभी किसानों को हिम्मत जुटाने की आवश्यकता है न कि हिम्मत हारने की।
उधर पुलिस ने किसान के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।  किसानों के परिवार को इसकी सूचना दे दी गई है। उल्लेखनीय है कि गाजीपुर बॉर्डर पर शुक्रवार को भी ठंड के कारण 57 वर्षीय एक किसान का निधन हो गया था।
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