भारत में यहां हुई थी खूनी लाल बारिश, आज भी अनसुलझा इसका रहस्य

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New delhi: केरल से लेकर उत्तर भारत तक एक बार फिर बारिश ने आम जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। दक्षिण भारतीय राज्य केरल में इतनी बारिश हुई कि कई नदियाँ उठने लगीं और कई घर गिर गए। इस घटना में कई लोगों की मौत भी हुई थी। आज हम आपको एक ऐसी बारिश के बारे में बताने जा रहे हैं जिसके बारे में आपने आज तक नहीं सुना होगा। ये बारिश पानी की नहीं खून की थी। बीस साल पहले आज यानी 25 जुलाई 2001 को केरल के इडुक्की और कोट्टायम में अचानक आसमान से खून की बारिश होने लगी। उनके चारों ओर खून से स्थानीय लोग डरे हुए थे। लोग सोच रहे थे कि आसमान से किसका खून गिर रहा है, जो आसमान से लगातार बारिश हो रही है।

जिसने भी इस लाल बारिश को देखा वह हैरान रह गया। किसी को कुछ समझ नहीं आ रहा था। यह लाल बारिश लगातार जारी थी। सैकड़ों लोगों ने इस अद्भुत और रहस्यमयी बारिश को देखा। इनमें कोट्टायम की रहने वाली रेखा मंगलम भी शामिल थीं। रेखा ने तब बताया था कि, वह उस दिन अपने घर की छत पर कपड़े सुखाने गई थी, अचानक उसके कपड़ों पर लाल रंग की कुछ बूंदें गिर गईं। ऐसा लगता है कि ये खून की बूंदें हैं। रेखा मंगलम ने सोचा कि खून के ये निशान कहां से आए? जब तक वह कुछ और सोच पाती, तब तक आसमान से खून की मोटी-मोटी बूंदें गिरने लगीं।

उन्हें लगा कि पृथ्वी का अंत आ गया है। क्योंकि ऐसा लग रहा था कि पृथ्वी पर कोई आकाशीय विपदा मंडरा रही है, जिससे लाल रक्त की तरह वर्षा हो रही है। वह चिल्लाते हुए छत से नीचे आ गई। तब तक बारिश ने विकराल रूप ले लिया था। रेखा मंगलम ने बताया था कि मेरे घर के आसपास सामान्य बारिश की तरह बारिश हो रही थी। फर्क सिर्फ इतना था कि डालने वाला तरल पानी नहीं बल्कि खून की बूंदें थी। ऐसा लग रहा था कि धरती के ऊपर आसमान में किसी की हत्या कर दी गई है।

25 जुलाई 2001 को केरल के कोट्टायम और इडुक्की की धरती खून से लथपथ हो गई। उस दिन सारे तालाब, नदी नालों का रंग लाल हो गया था। हर तरफ पानी की जगह खून की नदियां बह रही थीं। केरल के कोट्टायम और इडुक्की के निवासियों को ऐसा लगा जैसे वे युद्ध के मैदान में रह रहे हों। केरल में इस बारिश का रहस्य आज तक अनसुलझा है। इस संबंध में कई शोध कार्य हुए, लेकिन वैज्ञानिक किसी निश्चित निष्कर्ष पर नहीं पहुंच सके। कुछ वैज्ञानिकों का मानना ​​है कि लाल बारिश आकाश में उल्कापिंड के विस्फोट के कारण हुई, जबकि कुछ वैज्ञानिक एक प्रकार के शैवाल को लाल बारिश का कारण मानते हैं।

दूसरी ओर, ज्योतिषी इस लाल बारिश का श्रेय ग्रहों की असामान्य स्थिति को देते हैं। इसके साथ ही कुछ ज्योतिषियों ने यह भी कहा कि यह खूनी बारिश आने वाले कुछ वर्षों में पृथ्वी पर कुछ मानव सभ्यताओं के अंत का संकेत दे रही है। सच जो भी हो, लेकिन यह रहस्य आज भी बरकरार है। कहा जाता है कि हमारे देश में लाल बारिश के अलावा कई जगहों पर पीली और हरी बारिश हुई है.

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