नई दिल्ली॥ साइंटिस्टों ने पहली बार एक ऐसा सिग्नल खोजा है जो एक निश्चित अंतराल पर बार-बार स्पेस से पृथ्वी की तरफ आ रहा है। अभी तक इससे संबंधित पहलू रहस्यमई हैं। लेकिन साइंटिस्टों ने इस सिग्नल का नाम FRB रखा है।
आखिर क्या है FRB? ये सिग्नल्स कहां से आ रहे हैं? साइंटिस्टों ने किस तरह इस सिग्नल का पता लगाया? इन सभी सवालों के जवाब आपको आगे दिए जा रहे हैं।
क्या है FRB?
- ऐसा नहीं है कि ऐसी घटना पहली बार सुनने को मिली है। पहले भी स्पेस से रहस्यमई रेडियो सिग्नल आने की घटनाएं सामने आई हैं। हैरान करने वाली बात यह है कि इस बार साइंटिस्टों ने जो सिग्नल खोजा है वह निश्चित अवधि पर बार-बार आता है।
- इसका नाम रखा गया है FRB, यानी ‘फास्ट रेडियो बर्स्ट’।
- साइंटिस्टों के मुताबिक, सिग्नल पृथ्वी से करीब 500 मिलियन (लगभग 50 करोड़) प्रकाश वर्ष दूर से आ रहा है।
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कैसे हुआ परीक्षण?
- कनाडा के सीएचआईएमई के साइंटिस्टों ने 409 दिनों तक इन रेडियो तरंगों के चक्र पर नजर रखी।
- रिपोर्ट के मुताबिक, साइंटिस्टों ने बताया कि ये तरंगें अंतरिक्ष से चार दिनों तक एक घंटे तक आती रहती हैं।
- इन तरंगों की अवधि काफी छोटी होती है। उसके बाद इनका आना बंद हो जाता है। यही प्रक्रिया 12 दिनों के बाद फिर शुरू होती है।
क्या है स्त्रोत?
- साइंटिस्टों के लिए अभी भी ये तरंगें एक पहेली बनी हुई हैं। साइंटिस्टों ने बताया कि यदि स्त्रोत पता लग जाएगा तो इस बात का भी खुलासा होगा कि ये तरंगे क्यों आ रही हैं।
- खास बात ये है कि ये तरंगे भिन्न-भिन्न स्त्रोतों से आ रही हैं।
- रिपोर्ट के अनुसार, साइंटिस्टों ने बताया कि पहले फास्ट रेडियो बर्स्ट तारों एवं धातुओं वाले एक छोटी गैलेक्सी से आया था। वहीं, दूसरा FRB एक अन्य
- आकाश गंगा जैसी घुमावदार गैलेक्सी से आया था।
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