नई दिल्ली, 22 सितम्बर यूपी किरण। चीन के साथ चली 14 घंटे की मैराथन बैठक में भारत ने मुख्य रूप से मास्को में दोनों देशों के विदेश मंत्रियों के साथ हुई बैठक में तय किये पांच सूत्रीय बिन्दुओं पर फोकस किया। छठे दौर की इस वार्ता में इस पर चीन से एक रोड मैप मांगा गया है लेकिन अभी पूरी तरह सहमति नहीं बन पाई है। हालांकि अभी इस वार्ता से सम्बंधित कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है लेकिन भारत ने चीन से साफ कहा कि डेप्सांग प्लेन्स से लेकर पैन्गोंग तक से चीनी सैनिकों को हटना होगा।
भारत और चीन के सैन्य कमांडरों के बीच छठे दौर की यह अहम बैठक करीब 14 घंटे चली जिसमें भारत ने पूर्वी लद्दाख के डेप्सांग मैदानी क्षेत्र, पैन्गोंग झील और गोगरा-हॉट स्प्रिंग एरिया से सैन्य टुकड़ी को पूरी तरह हटाने के लिए कहा।
सोमवार सुबह करीब 9 बजे से यह बैठक लद्दाख में चीन की ओर स्थित मॉल्डो में शुरू हुई और रात 11 बजे खत्म हुई। बैठक में चीन पर चारों जगहों से पीछे हटने के लिए दबाव बनाते हुए भारत को दो टूक कहना पड़ा कि एलएसी पर 5 मई के पहले की स्थिति बहाल करनी होगी। इसके अलावा भारत की तरफ से साफ़ कहा गया कि चीन को सीमा पर उन सही जगह से पीछे जाना होगा।
सूत्रों का यह भी कहना है कि चीन पैन्गोंग झील के उत्तरी किनारे पर फिंगर-4 एरिया से हटकर फिंगर-8 पर जाने को तैयार है लेकिन उसने सभी फिंगर्स पर 50-50 अपने सैनिक स्थाई रूप से तैनात करने की शर्त रखी है जिसे भारत ने मानने से इनकार कर दिया है। भारत ने साफ़ कहा है कि फिंगर एरिया को पूरी तरह खाली करना होगा।