पाकिस्तान को एक बार फिर कश्मीर मुद्दे पर बड़ा झटका लगा है, जिसके बाद इमरान सरकार की आलोचना उनके देश में ही शुरू हो गई है. आपको बता दें कि जेद्दा में इस्लामिक देशों के संगठन ओआईसी के तहत ‘काउंसिल ऑफ़ फ़ॉरेन मिनिस्टर्स’ (सीएफएम) का 45वां सत्र रविवार से शुरू होकर 11 फरवरी तक चलेगा.
वहीँ इसके बाद पाकिस्तान की कूटनीति को बड़ा झटका लगा है. बता दें कि इस सत्र में अब ज्यादा दिलचस्पी इसलिए भी बढ़ गई है क्योंकि सऊदी अरब ने पाकिस्तान की कश्मीर पर सीएफएम का सत्र बुलाने की मांग अब तक स्वीकार नहीं की और ख़बरों के अनुसार सऊदी अरब की हिचकिचाहट पाकिस्तान के लिए मायूसी की वजह बन रही है.
आपको बता दें कि इसी बारे में प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने मलेशिया के अपने हालिया दो दिवसीय दौरे में एक मलेशियाई थिंक टैंक से बात करते हुए कहा कि ओआईसी भारत प्रशासित कश्मीर में हो रहे मानवाधिकारों के उल्लंघन पर एक मत नहीं है. वहीं इमरान ख़ान ने कहा, “हम बंटे हुए हैं…. हम अभी तक कश्मीर पर ओआईसी का सत्र नहीं बुला सके हैं.”
गौरतलब है कि इसी बारे में पाकिस्तानी विदेश विभाग के एक उच्च अधिकारी ने बीबीसी को बताया, “ये सच है कि सऊदी अरब हिचकिचा रहा है. मैंने खुद मानवाधिकारों के उल्लंघन पर आधारित रिपोर्ट ओआईसी के स्वतंत्र स्थाई मानवाधिकार आयोग की तरफ़ से पेश की, लेकिन इसके बावजूद कुछ खास प्रगति नहीं हो सकी.”