Mukhtar Ansari : माफिया की मौत पर सियासी बवाल, विपक्षी पार्टियों ने की अदालत की निगरानी में जांच की मांग

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लखनऊ। बांदा जेल में बंद बाहुबली नेता और माफिया डॉन मुख्तार अंसारी की कथित तौर पर हार्ट अटैक से मौत हो गई है। मुख्तार अंसारी की मौत के बाद यूपी में एहतियात के तौर पर सुरक्षा व्यवस्था सख्त कर दी है। मऊ, गाजीपुर और बांदा जिले में धारा 144 लागू कर दी गई है। मुख्तार अंसारी की मौत पर सियासी बवाल शुरू गया है।  कांग्रेस, समाजवादी पार्टी ( सपा ), बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी), राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी), और एआईएमआईएम आदि सियासी पार्टियों ने पूर्व विधायक की मौत पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी की मौत पर कांग्रेस ने गंभीर सवाल उठाए हैं। बिहार कांग्रेस अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह ने कहा कि पोस्टमार्टम हो रहा है, लेकिन जिस तरीके से मृत्यु हुई है, वह संदेह के घेरे में है और इसकी जांच होनी चाहिए। हाल ही में कांग्रेस में शामिल हुए बिहार के पूर्व सांसद पप्पू यादव ने अंसारी की मौत को संस्थागत हत्या करार देते हुए इस मामले में अदालत की निगरानी में जांच कराने की मांग की है।  

पप्पू यादव ने कहा कि पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी की सांस्थानिक हत्या। कानून, संविधान, नैसर्गिक न्याय को दफन कर देने जैसा है। 
कांग्रेस नेता पप्पू यादव ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश इसका स्वतः संज्ञान लें, उनके दिशा-निर्देश में निष्पक्ष जांच हो। पप्पू यादव ने कहा कि कई दिन से मुख्तार आरोप लगा रहे थे कि उन्हें जहर दिया जा रहा है। उनके सांसद भाई ने भी यह आरोप लगाया गया था। वहीँ यूपी कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने मुख्तार अंसारी की मौत पर टिप्पणी करने से इंकार कर दिया।

समाजवादी पार्टी के मुखिया और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर प्रदेश की योगी सरकार को कठघरे में खड़ा किया है। पूर्व सीएम ने कहा कि सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह गैर कानूनी हैं। जो हुकूमत जिंदगी की हिफाजत न कर पाए उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक नहीं। उप्र सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है। अखिलेश यादव ने कहा कि हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है।

अखिलेश यादव ने कहा कि थाने में बंद रहने के दौरान, जेल के अंदर आपसी झगड़े में, ⁠जेल के अंदर बीमार होने पर, न्यायालय ले जाते समय, ⁠अस्पताल ले जाते समय, ⁠अस्पताल में इलाज के दौरान, ⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर, ⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर, ⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर आदि ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जांच होनी चाहिए।

इसी तरह बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने कहा कि मुख्तार अंसारी की जेल में हुई मौत को लेकर उनके परिवार द्वारा जो लगातार आशंकाएं व गंभीर आरोप लगाए गए हैं, उनकी उच्च-स्तरीय जांच जरूरी है, ताकि उनकी मौत के सही तथ्य सामने आ सकें। ऐसे में उनके परिवार का दुखी होना स्वाभाविक है। कुदरत उन्हें इस दुख को सहन करने की शक्ति दे।

इसी तरह बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि हम भगवान से प्रार्थना करेंगे कि दिवंगत आत्मा को शांति मिले और परिवार को इस दुख को सहन करने की शक्ति प्रदान करें। तेजस्वी यादव ने कहा कि कुछ दिन पहले उन्होंने शिकायत की थी कि उन्हें जेल में जहर दिया गया है, फिर भी इसे गंभीरता से नहीं लिया गया। प्रथम दृष्टया, यह उचित और मानवीय नहीं लगता है। संवैधानिक संस्थाओं को ऐसे अजीब मामलों और घटनाओं का स्वत: संज्ञान लेना चाहिए।

इसी तरह ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने मुख्तार अंसारी के भाई अफजाल अंसारी के आरोपों पर जोरदेते हुए कहा कि गाजीपुर के लोगों ने अपना पसंदीदा बेटा और भाई खो दिया। मुख्तार ने प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए थे कि उन्हें जहर दिया गया है। इसके बावजूद सरकार ने उनके इलाज पर कोई ध्यान नहीं दिया। यह वाकई निंदनीय और अफसोसजनक है।

गौरतलब है कि दो दिन पहले मुख्तार की तबियत बिगड़ने पर उसे जेल से बांदा मेडिकल कॉलेज लाया गया था। उस दौरान अफजाल और मुख्तार के बेटे उमर अब्बास ने मौत की आशंका जताई थी। उन्होंने जेल प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए थे। अफजाल ने कहा था कि उसके भाई को जेल में जहर दिया जा रहा है। बताते चलें कि 63 वर्षीय मुख्तार अंसारी मऊ सदर से पांच बार विधायक निर्वाचित हुआ था।  ववर्तमान में इस माफिया के पर 60 से अधिक आपराधिक मामले लंबित थे। 

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