नई दिल्ली॥ महाराष्ट्र में शिवसेना सरकार की मुश्किलें बढ़ती हुई नजर आ रही हैं। दरअसल, मंत्रिमंडल विस्तार के बाद 11 विधायकों ने अपने दलबदलू तेवर दिखाने शुरू कर दिए हैं। तो वहीं बताया जा रहा है कि महाराष्ट्र में कभी भी फेरबदल हो सकता है। इसी को लेकर सत्ताधारी दलों के भीतर बवाल निरंतर बढ़ता जा रहा है।
अब उद्धव सरकार में नव-निर्वाचित असंतु़ष्ट विधाय़़कों की संख्या 11 तक पहुंच चुकी है। इसके अलावा कई विधायक भी मंत्री नहीं बनाए जाने से नाराज़़ चल रहे हैं। शिवसेना के एक दिग्गज नेता जो पहले मंत्री रह चुके हैं, उन्होंने तो उद्धव के ठाकरे ही पार्टी छोड़ने तक की चेतावनी दे दी है। यही आलम कांग्रेस में भी है।
पार्टी ने नाराज एमएलए संग्राम थोपटे को शांत करने की कोशिश की तो मुंबई के धाकड़ विधायक अमीन पटेल ने सीधे पार्टी आलाकमान को चिट्ठी लिख दी है। तो वहीं दूसरी ओर शिवसेना के ही दिग्गज नेता दिवाकर राउते ने खुद के असंतोष को लेकर उठ रहे प्रश्नों पर सफाई दी है। राउते ने कहा है कि मैं पार्टी का पुराना और वफादार सिपाही हूं।
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उन्होंने कहा कि शिवसेना के लिए काम करता आया हूं और करता रहूंगा। मैं मंत्रिमंडल के विस्तार के दौरान भी मौजूद रहा और मुझे किसी तरह की कोई परेशानी नहीं है। जानकारी के लिए बता दें कि पार्टी में निरंतर विधायकों को नाराज होने का सिलसिल जारी है। मंत्री पद नहीं मिल पाने के वजह से शिवसेना के 11 से अधिक विधायक-एमएलसी नाराज़़ बताए जा रहे हैं।
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