img

www.upkiran.org

लखनऊ।। योगी आदित्यनाथ एक तरफ तो भ्रष्टाचार को समूल नाश करने के लिए ऐलानिया जंग छेड़े हुए हैं और भ्रष्टों का मुंह काला करने की बात भी कहते रहते हैं। लेकिन योगी के मंत्री ही भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने में जुटे पड़े हैं ,इतना ही नहीं एक भ्रष्ट इंजीनियर को निदेशक बनाने के लिए ग्रामीण अभियंत्रण विभाग के मंत्री राजेंद्र सिंह उर्फ़ मोती सिंह ने नियम-कानून को ताक पर रखकर शासन स्तर पर चल रही सभी जांचों को आनन-फानन बिना किसी जाँच के मात्र प्रत्यावेदन लेकर ही समाप्त कर दिया है। आपको बता दें कि आर पी सिंह पर कई मामलों में भ्रष्टाचार के संगीन आरोप हैं।

एक मामलें में तो अपर मुख्यसचिव ने आर पी सिंह के खिलाफ अनुकरणीय कार्यवाही की संस्तुति की लेकिन विभागीय मंत्री के चहेते आर पी सिंह को मंत्री के दबाव में क्लीन चिट दे दी गयी।

इस सम्बन्ध में अनुसचिव राजेंद्र सिंह से बात की गयी उन्होंने इस बात की पुष्टि भी कर दी कि उक्त इंजीनियर के विरुद्ध चल रही सभी जांचों को समाप्त कर दिया गया है। और बातों-बातों में उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि आर पी सिंह को अब निदेशक बनाने की तैयारी चल रही है।

इंजीनियर आर पी सिंह पर शासनस्तर पर इन मामलों पर चल रही थी कार्यवाही –

1)-बॉर्डर एरिया डेवलपमेंट योजनान्तर्गत जनपद श्रावस्ती के भिनगा विधानसभा क्षेत्र में गुलरा से पड़वलिया जाने वाले मार्ग पर भैसाही नाले पर आरसीसी पुलिया के निर्माण में गंभीर अनियमितता बरतने और लगभग 94 लाख की शासकीय क्षति का आरोप।

2)-बॉर्डर एरिया डेवलपमेंट योजनान्तर्गत जनपद श्रावस्ती के शिवपुरा नाले पर ककरदरी के पास बरगदहा गांव 3 *5 मी. स्पान की आरसीसी पुलिया निर्माण में 35 लाख की शासकीय क्षति का आरोप।

3)-बाराबंकी में अधिशासी अभियंता रहते हुए दफ्तर कम्पाउंड में लगे पेड़ों को कटवाकर मिली रकम को शासकीय कोश में जमा न करके निजी खाते में लेकर उक्त धन के गबन का आरोप।

4)- भ्रष्ट अभियंता आरपी गौड़ के खिलाफ जाँच में जाँच अधिकारी के रूप में जांचोपरांत चार साल तक चार्जशीट न देने के कारण इंजीनियर गौड़ से शासकीय क्षति की वसूली नहीं हो सकी जिसपर इंजीनियर आरपी सिंह के विरुद्ध विभागीय कार्यवाही।

5)-एक अन्य भ्रष्ट इंजीनियर पी आर राय के खिलाफ ईएसआई हॉस्पिटल के निर्माण में गंभीर अनियमितता की चल रही जाँच में जाँच अधिकारी के रूप में स्वेच्छाचारिता अपनाते आरोपी से मात्र एक प्रत्यावेदन लेकर क्लीन चिट दे दी। इस मामले में भ्रष्ट इंजीनियर आरपी सिंह के विरुद्ध कार्यवाही। हालाँकि इस मामले में भले ही मंत्री के दबाव में क्लीन चिट दे दी गयी है लेकिन सीवीसी की ताज़ा रिपोर्ट में भ्रष्ट इंजीनियर पीआर राय को 2 करोड़ की शासकीय क्षति का दोषी माना गया है।

--Advertisement--