कासगंज की घटना ने ताजा कर दी बिकरू कांड की यादें

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश के कासगंज जिले में शराब तस्करों द्वारा अंजाम दी गई घटना ने एनकाउंटर में मारे गए मोस्टवांटेड हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे के गैंग द्वारा बीते साल कानपुर के बिकरू कांड की याद को ताजा कर दिया है।
Kasganj incident brings back memories of Bikeru scandalॉ
बीते साल 2020 की जुलाई माह की दो तारीख की स्याह रात को विकास दुबे ने अपने गिरोह के साथ दबिश देने गई पुलिस टीम को घेरकर ताबड़तोड़ फायरिंग करते हुए सीओ समेत आठ पुलिस कर्मियों को मौत के घाट उतार दिया था। इसके बाद मंगलवार को कासगंज में बेखौफ शराब माफियाओं ने ठीक उसी तरह बिकरू कांड जैसी घटना को दोहराया है।
उल्लेखनीय है कि यह मामला सिढ़पुरा थाने का है और यहां पर कच्ची शराब बनाने का बड़े पैमाने पर माफिया व बदमाश सक्रिय हैं। इसी सूचना पर एसआई पुलिस टीम के साथ दबिश देने गए थे, जहां बदमाशों ने पुलिस टीम को घेर लिया और बंधक बनाते हुए कानून को धता को ताक पर रखते हुए जानलेवा हमला कर सिपाही देवेंद्र को मौत के घाट उतार दिया।

मुख्यमंत्री योगी सख्त, एनएसए लगाने के आदेश 

इस घटना को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दोषियों पर कड़ी कार्यवाही करने के आदेश दिए हैं। उन्होंने आरोपियों पर एनएसए लगाने के आदेश दिए हैं।

50 लाख का मुआवजा देने की घोषणा

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घायल दारोगा के इलाज के दिए निर्देश और सिपाही की मौत की घटना का भी संज्ञान लिया है। उन्होंने 50 लाख मुआवजे का भी किया एलान करते हुए आश्रित को सरकारी नौकरी देने का निर्देश दिया है।
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