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uttarakhand news: उपचार के दौरान एक लड़की के साथ छेड़छाड़ के मामले में एक डॉक्टर को दोषी ठहराया गया है। राजधानी दून के सुभारती अस्पताल में हुई इस घटना के लिए कोर्ट ने डॉक्टर को दो साल की सजा सुनाई है।

एफटीएससी (पॉक्सो) कोर्ट के जज पंकज तोमर ने डॉक्टर पर 10,000 रुपये का अर्थदंड भी लगाया है, जिसमें से आठ हजार रुपये पीड़िता को मुआवजे के रूप में दिए जाएंगे।

यह मामला तब शुरू हुआ जब पीड़ित युवती ने 22 फरवरी 2022 को प्रेमनगर थाने में शिकायत दर्ज कराई। युवती ने 21 फरवरी को पेट दर्द की शिकायत पर ईएसआई क्लीनिक का दौरा किया, जहां उसे झाझरा स्थित सुभारती अस्पताल में रेफर किया गया।

वहां, डॉक्टर पुनीत सिंघल (प्रतीकात्मक नाम) ने उसका अल्ट्रासाउंड किया। बाद में जब युवती रिपोर्ट दिखाने गई, तो डॉक्टर ने उसे एक केबिन में बुलाकर आपत्तिजनक सवाल पूछे और उसके साथ छेड़छाड़ करने का प्रयास किया। घबराई युवती ने यह घटना अपनी मां को बताई, जिसके बाद मामला पुलिस तक पहुंचा।

डॉक्टर ने धमकी दी कि वह देख लेगा, मगर युवती ने हिम्मत जुटाकर मामला दर्ज कराया। पुलिस ने जांच के बाद डॉक्टर के खिलाफ दुष्कर्म और छेड़छाड़ की धाराओं में चार्जशीट पेश की। कोर्ट ने दुष्कर्म के आरोप में डॉक्टर को बरी कर दिया, मगर छेड़छाड़ के मामले में उसे सजा सुनाई।
 

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