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उत्तराखंड की पवित्र चारधाम यात्रा हर साल लाखों श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र बनती है। इस बार 2025 में कुछ अलग संकेत दे रही है। यात्रा की शुरुआत से पहले ऑनलाइन पंजीकरण के आंकड़े पिछले साल के मुकाबले काफी नीचे हैं। इससे अंदेशा जताया जा रहा है कि इस बार केदारनाथ और बदरीनाथ जैसे प्रमुख धामों में दर्शन के लिए भक्तों की भीड़ कम हो सकती है।
रजिस्ट्रेशन में 9.57 लाख की गिरावट
2024 की तुलना में 2025 के शुरुआती 34 दिनों में 9,57,002 कम ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन हुए हैं।
2024 में 34 दिन में कुल पंजीकरण: 29,52,931
2025 में 34 दिन में कुल पंजीकरण: 19,95,929
इस गिरावट ने प्रशासन और पर्यटन से जुड़े लोगों को सोचने पर मजबूर कर दिया है कि क्या इस बार यात्रा में श्रद्धालुओं की उपस्थिति अपेक्षा से कम रहेगी?
समय और सिस्टम में बदलाव बना वजह
इस साल यात्रा 10 दिन पहले 30 अप्रैल से शुरू हो रही है, जिसके चलते ऑनलाइन पंजीकरण 20 मार्च से ही शुरू कर दिया गया। मगर इसके बावजूद आंकड़े गिरावट में हैं।
प्रशासन का कहना है कि इस बार पंजीकरण प्रणाली में बदलाव किया गया है। इसमें 60% कोटा ऑनलाइन, 40% कोटा ऑफलाइन पंजीकरण के लिए रखा गया है।
इस नई व्यवस्था का मकसद ऑनग्राउंड श्रद्धालुओं को भी मौके पर पंजीकरण की सुविधा देना है, मगर इसका प्रभाव ऑनलाइन आंकड़ों पर पड़ा है।
रजिस्ट्रेशन कैसे कराएं?
श्रद्धालु निम्नलिखित माध्यमों से अपना पंजीकरण करा सकते हैं
वेबसाइट: registrationandtouristcare.uk.gov.in
मोबाइल ऐप: Tourist Care Uttarakhand
हेली सेवा बुकिंग: heliyatra.irctc.co.in (बुकिंग अप्रैल के पहले सप्ताह से शुरू)
सहायता के लिए
टोल फ्री नंबर: 0135-1364 (24x7 उपलब्ध)
फोन: 0135-2559898 / 0135-2552627
2024 में रिकॉर्ड दर्शन, 48 लाख श्रद्धालु पहुंचे थे
पिछले साल चारधाम यात्रा ने एक रिकॉर्ड बनाया था जब करीब 48 लाख श्रद्धालु विभिन्न धामों तक पहुंचे। इस साल अगर आंकड़े घटते हैं, तो इसका प्रभाव स्थानीय अर्थव्यवस्था, होटल व्यवसाय और परिवहन क्षेत्र पर भी पड़ सकता है।
कपाट खुलने की तारीखें तय
चारधाम यात्रा को लेकर तैयारियां जोरों पर हैं और सभी धामों के कपाट खोलने की तिथियाँ तय हो चुकी हैं।
यमुनोत्री व गंगोत्री: 30 अप्रैल
केदारनाथ: 2 मई
बदरीनाथ: 4 मई
हेमकुंड साहिब: 25 मई