Uttarakhand News: उत्तराखंड के सरकारी अस्पतालों में चिकित्सकों की कमी ने मरीजों के लिए गंभीर समस्याएं पैदा कर दी हैं, खासकर पहाड़ी इलाकों में। स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी के कारण स्थानीय लोगों को स्वास्थ्य संबंधी गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
धामी सरकार ने डॉक्टरों की नियुक्ति के प्रयास किए हैं, मगर कई डॉक्टर पहाड़ी इलाकों में काम करने से हिचकिचा रहे हैं। इसके परिणामस्वरूप, तैनाती के बाद भी कई डॉक्टर अस्पतालों में उपस्थित नहीं हो रहे हैं, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाएं बुरी तरह प्रभावित हो रही हैं।
स्वास्थ्य विभाग ने अनुपस्थित 118 डॉक्टरों के विरुद्ध कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू कर दी है। स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. तारा आर्य ने बताया कि इन डॉक्टरों को 14 दिनों का नोटिस जारी किया गया है, जिसमें उनसे अपनी गैर मौजूदगी के कारण बताने को कहा गया है। तय वक्त में संतोषजनक उत्तर न मिलने पर उनकी सेवाएं समाप्त की जाएंगी।
अधिकांश डॉक्टर छह साल से ज्यादा वक्त से बिना किसी सूचना के अनुपस्थित हैं, जिससे राज्य के स्वास्थ्य विभाग पर दबाव बढ़ रहा है। ऐसे में, सरकार ने अनुपस्थित डॉक्टरों की सेवाएं खत्म करने और नई भर्तियों की प्रक्रिया शुरू करने का निर्णय लिया है।
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने स्पष्ट किया है कि अनुपस्थित डॉक्टरों की सेवाएं शीघ्र समाप्त की जाएंगी और उनकी जगह नए डॉक्टरों को नियुक्त किया जाएगा।
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