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Uttarakhand News: अंडरवर्ल्ड से ताल्लुक रखने वाले कुख्यात एक अपराधी अब एक संत बन गया है। ये सुनकर चौंकना स्वाभाविक है, मगर ये सच है। प्रकाश पांडे, जो 14 साल से उम्रकैद की सजा काट रहा था और छोटे राजन गैंग का एक प्रमुख सदस्य था, अब 'स्वामी प्रकाशानंद गिरी' के नाम से धर्म की राह पर चलने की तैयारी कर रहा है। प्रकाश पांडे ने 12 से ज्यादा हत्याओं, फिरौती और अपहरण जैसी गंभीर आपराधिक गतिविधियों में शामिल रहने के बाद अब धार्मिक जीवन अपनाया है।

प्रकाश पांडे को वियतनाम से अरेस्ट करने के बाद वो देवभूमि की अल्मोड़ा जेल में बंद था। अब उसे जूना अखाड़ा के महंतों ने जेल में दीक्षा दी है और जूना अखाड़ा के विभिन्न मठों और आश्रमों का उत्तराधिकारी घोषित किया है। जूना अखाड़ा के थानापति राजेंद्र गिरी ने बताया कि प्रकाश ने सनातन जीवन जीने की इच्छा जताई थी और उसके अनुरोध पर उसे दीक्षा दी गई।

जेल के आला अधिकारी ने कहा कि कुछ धार्मिक संत हाल ही में प्रकाश पांडे से मिलने आए थे और उनकी मुलाकात धर्म पर चर्चा करने के लिए थी, जो उनका निजी मामला है। इस पर जेल प्रशासन की कोई भूमिका नहीं थी। उत्तराखंड के डीआईजी जेल दधीराम मौर्य ने भी इस बारे में सोशल मीडिया से जानकारी प्राप्त की और आंतरिक जांच शुरू की है।

नैनीताल का रहने वाला है प्रकाश

प्रकाश पांडे की दास्तान एक छोटे से गांव नैनीताल से शुरू होकर मुंबई और वियतनाम तक पहुंची। सेवानिवृत्त फौजी के बेटे ने स्कूल के दिनों में मारपीट से शुरू कर अपने जुर्म की दुनिया में कदम रखा। 90 के दौर में छोटा राजन गैंग से जुड़ने के बाद, उसने मुंबई में कई अपराध किए और यहां तक कि दाऊद इब्राहीम को मारने का प्रयास किया था। उसके गुनाहों की फेहरिस्त में उत्तराखंड से लेकर दिल्ली और मुंबई तक की हत्याएं शामिल हैं।

 

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