jharkhand news: लोहरदगा शहर के महुवरी गांव में एक विशेष धार्मिक विवाद सामने आया है, जिसमें 55 वर्षीय दुखा उरांव के शव को दफनाने को लेकर उसके ही समुदाय के लोगों ने आपत्ति जताई। दुखा उरांव ने करीब 10 वर्ष पहले सरना धर्म छोड़कर ईसाई धर्म अपनाया था और रविवार को रांची में इलाज के दौरान उनकी मृत्यु हो गई।
जब उनका शव अंतिम संस्कार के लिए गांव लाया गया, तो स्थानीय ईसाई समुदाय ने उनके शव को अपने कब्रिस्तान में दफनाने से मना कर दिया, क्योंकि वे एनडब्ल्यूजीईएल चर्च से जुड़े थे, जबकि दुखा पैंटीकोस्टल चर्च से जुड़े थे।
दुखा के परिवार ने अपनी जमीन पर शव दफनाने का प्रयास किया, मगर उनके सगे-संबंधियों ने इस पर आपत्ति जताई, यह कहते हुए कि दुखा ने धर्म परिवर्तन कर लिया है और इसलिए वे उसे अपनी पारिवारिक भूमि में दफनाने की अनुमति नहीं देंगे। इस विवाद को सुलझाने के लिए प्रशासन ने कई बार बातचीत की, लेकिन कोई समाधान नहीं निकल सका। अंततः 36 घंटे बाद प्रशासन ने शव को लोहरदगा के सेरेंगहातू में दफनाने का निर्णय लिया।
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