उत्तराखंड बीजेपी की पहली लिस्ट से मचा बवाल, सीएम धामी की उम्मीदों पर कहीं पानी न फेर दे इन नेताओं की बगावत

img

रोहित तिवारी

लखनऊ। उत्तराखंड की सत्ता में वापसी कर इतिहास रचने का सपना देख रही भारतीय जनता पार्टी की उम्मीदों को झटका लग सकता है। भाजपा में प्रत्याशियों की पहली सूची जारी होने के साथ ही नाराजगी के सुर फूटने लगे हैं। दरअसल, उत्तराखंड विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी ने प्रत्याशियों की पहली सूची जारी कर दी गयी है। इसके बाद ही पार्टी में बवाल मच गया और कई नेताओं ने बगावत शुरू कर दी है।

cm dhami

टिकट बंटवारे के बाद कुमाऊं मंडल में क्षेत्रीय भाजपा नेताओं ने नाराजगी जतानी शुरू कर दी है। अब तक करीब छह विधानसभा सीटों पर कई नेताओं और पार्टी पदाधिकारियों ने इस्तीफे का ऐलान तक कर दिया है। भाजपा को सबसे अधिक विरोध पिथौरागढ़ जिले की धारचूला सीट पर झेलना पड़ रहा है।

पार्टी ने यहां से धन सिंह धामी को उम्मीदवार बनाया है। इसके बाद करीब 12 नेताओं ने सामूहिक इस्तीफा देने का ऐलान कर दिया। इनमें मंडल महामंत्री मनोज कुमार भी शामिल हैं। इस्तीफे का ऐलान करते हुए मनोज कुमार ने कहा कि पार्टी हमेशा धारचूला की उपेक्षा करती है। इस सीट को चुनाव लड़ाने की प्रयोगशाला बना दिया गया है।

इसके अलावा भाजपा को द्वाराहाट, नैनीताल, भीमताल और गदरपुर सीट पर अपने ही नेताओं के विरोध का सामना करना पड़ रहा है। गदरपुर सीट पर कैबिनेट मंत्री अरविंद पांडे का विरोध रविन्द्र बजाज कर रहे हैं। रविन्द्र बजाज कहते हैं, ‘32 सालों में पार्टी ने उनका कभी सम्मान नहीं किया। उनके समर्थकों को अरविंद पांडे हमेशा नजरअंदाज करते रहे हैं।‘

उनका दावा है कि उनके समर्थन में प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य संतोष गुप्ता, बीस सूत्रीय कार्यक्रम क्रियान्वयन समिति के सदस्य राजीव त्यागी, सभासद परमजीत सिंह, अमर सिंह ने भी पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। अपने समर्थकों के साथ बैठकर वह आगे की रणनीति बनाने की बात कर रहे हैं।

अल्मोड़ा जिले की द्वाराहाट विधानसभा सीट पर जिला उपाध्यक्ष कैलाश भट्ट विरोध में उतर आए हैं। उनकी नाराजगी वर्तमान विधायक महेश नेगी का टिकट कटने से है। पार्टी ने महेश नेगी के बजाए इस बार अनिल शाही को उम्मीदवार बनाया है। कैलाश भट्ट का कहना है कि यहां पार्टी ने यौन शोषण के आरोपी को टिकट दिया है।

इसी प्रकार अल्मोङा सीट से वर्तमान विधायक रघुनाथ सिंह चौहान नाराज हैं। उनका टिकट भी काटा दिया गया है। चौहान मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में भी शामिल नहीं हो रहे हैं। नैनीताल विधानसभा सीट पर कांग्रेस से भाजपा में आईं सरिता आर्य को टिकट मिलने से विरोध हो रहा है।

उनकी खिलाफत मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के जन संपर्क अधिकारी दिनेश आर्य कर रहे हैं। इनके अलावा यहां टिकट के प्रबल दावेदार हेम आर्य, अनुसूचित मोर्चा के जिला अध्यक्ष प्रकाश चंद्र भी सरिता का विरोध कर रहे हैं। नैनीताल जिले की ही भीमताल विधानसभा सीट पर भी पार्टी को विरोध का सामना करना पड़ रहा है। यहां मंडी समिति के पूर्व अध्यक्ष मनोज शाह बागी बन गए हैं।

यहां के सूत्रों ने बताया है कि भीमताल में उनके नेतृत्व में हुई बैठक के बाद इन्होंने अपने 300 कार्यकर्ताओं के साथ पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। इसी तरह किच्छा, गंगोलीहाट और बागेश्वर की कपकोट विधानसभा सीटों पर विरोध शुरू हो गए हैं। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता का कहना है कि यदि इन लोगों की नाराजगी जल्द ही दूर न की गई तो चुनाव में इसका नुकसान हो सकता है।

Related News