वास्तु शास्त्र (Vastu Shastra) में जिस तरह से कुबेरजी को धन के देवता कहा गया है। कई बार ऐसा होता है कि व्यक्ति की तमाम कोशिशों के बाद भी उसे उसके काम में सफलता नहीं मिल पाती है। नौकरी या फिर व्यापर हर जगह असफलता मिले से वह हताश निराश हो जाता है। ऐसे में वह अवसाद से ग्रस्त हो जाता है। मौजूदा समय में कोरोना महामारी और लॉकडाउन की वजह से कारोबार जगत को काफी नुकसान हुआ है। यह समय छोटे और मध्यम दर्जे के व्यापारियों के लिए समय बेहद चुनौतीपूर्ण साबित हो रहा है।
इस समय अधिकांश के सामने दम तोड़ते कारोबार में नई जान फूंकने की चुनौती है जिसके चलते कारोबारी असेट मैनेजमेंट के साथ-साथ ग्रह दशा, वास्तु (Vastu Shastra) और टोटको का सहारा भी ले रहे हैं। आइए जानते हैं कुछ ऐसे उपाय जिन्हे अपना कर आप भी अपने कारोबार में बढ़ोतरी कर सकते हैं।
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वास्तु शास्त्र (Vastu Shastra) में जिस तरह से कुबेरजी को धन के देवता कहा गया है। वैसे ही बुध भी बुद्धि -व्यापार के कारक ग्रह हैं इसीलिए कुबेर को उत्तर दिशा का स्वामी माना गया है, जबकि बुध ग्रह को इस दिशा का प्रतिनिधि माना जाता है। ऐसे में अगर आपके घर की उत्तर दिशा दोषपूर्ण है तो वहां रहने वाले मनुष्य की बुद्धि भ्रमित हो सकती है। बुद्धि भ्रमित होने की स्थिति में मनुष्य निर्णय लेने में खुद को असहज महसूस कर सकता है और कई बार गलत फैसले ले लेता है। ऐसे में उसकी आर्थिक उन्नति में बाधाएं आने लगती हैं।
- कारोबारियों को अपने व्यावसायिक प्रतिष्ठान की उत्तर दिशा दोष मुक्त रखने की जरूरत है जिससे अधिक से अधिक उन्नति हो सकें। उन्हें उत्तर दिशा की दीवार पर हरे रंग के तोते की तस्वीर जरूर लगानी चाहिए। (Vastu Shastra)
- बुध ग्रह का सबसे प्रिय रंग हरा है। ऐसे में हरे रंग का पक्षी (तोता) है की तस्वीर उत्तर दिशा में लगाने से वहां का वास्तु दोष (Vastu Shastra) खत्म हो जाता है और मनुष्य को शुभ फल मिलने लगते हैं। धीरे-धीरे मनुष्य की व्यापारिक उन्नति होकर वह जीवन में सुख और समृद्धि का अनुभव करता है।
एक उपाय ये भी (Vastu Shastra)
व्यापार में वृद्धि के लिए मिट्टी के तीन दीपक में पीली सरसों, तिल, साबुत नमक और साबुत धनिया मिलाकर अपनी सीट के पास रख दें। इससे कारोबार में बढ़ोतरी के साथ ग्राहकों का रुझान भी बढ़ता नजर आएगा। (Vastu Shastra)