Up Kiran, Digital Desk: क्या आपने कभी सोचा है कि दुनिया के एक कोने में स्थित कोई देश दूसरे कोने से मदद की आस लगाए बैठा हो? जी हां, इस वक्त दक्षिणी अमेरिकी देश वेनेजुएला की नज़रें भारत पर टिकी हुई हैं! उनकी सरकार ने हाल ही में साफ तौर पर यह इच्छा जताई है कि वे भारत के साथ कुछ बहुत ही खास चीज़ों, यानी 'महत्वपूर्ण खनिजों' (critical minerals) के क्षेत्र में सहयोग करना चाहते हैं. सिर्फ इतना ही नहीं, वे भारत से अपने देश में निवेश (Indian investment) आकर्षित करने के लिए भी काफी उत्साहित हैं. यह एक ऐसा कदम है जो दोनों देशों के लिए नए आर्थिक दरवाजे खोल सकता है.
क्यों खास हैं ये 'महत्वपूर्ण खनिज'?
आज की दुनिया में, चाहे वो आपके मोबाइल फोन की बैटरी हो, इलेक्ट्रिक गाड़ियां हों, या फिर हाई-टेक डिफेंस उपकरण, इन सब में कुछ खास तरह के खनिजों की ज़रूरत होती है. इन्हीं को 'महत्वपूर्ण खनिज' कहते हैं. वेनेजुएला प्राकृतिक संसाधनों से भरा देश है, और उसके पास इन कीमती खनिजों का बड़ा भंडार होने की संभावना है. अब ऐसे में, जब वे भारत से सहयोग की बात कर रहे हैं, तो इसका सीधा मतलब है कि दोनों देशों को फायदा हो सकता है:
- वेनेजुएला के लिए विकास के रास्ते: भारत जैसे बड़े और तेज़ी से बढ़ते देश से निवेश मिलने से वेनेजुएला अपनी खनन क्षमताओं को आधुनिक बना पाएगा. इससे रोज़गार के अवसर पैदा होंगे और उनकी अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा, जो लंबे समय से संघर्ष कर रही है.
- भारत के लिए सुरक्षा: भारत की बढ़ती अर्थव्यवस्था को भी इन खनिजों की सख्त ज़रूरत है. अगर वेनेजुएला से इनकी सीधी और सुरक्षित सप्लाई सुनिश्चित हो जाती है, तो भारत को अपनी तकनीकी और रणनीतिक ज़रूरतों के लिए दूसरों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा. ये हमारी ऊर्जा सुरक्षा और सप्लाई चेन को भी मजबूत करेगा.
- दोनों देशों के रिश्ते मज़बूत होंगे: इस तरह के आर्थिक और रणनीतिक सहयोग से भारत और वेनेजुएला के कूटनीतिक रिश्ते भी और मजबूत होंगे. यह अंतरराष्ट्रीय मंच पर भी दोनों देशों के लिए फायदेमंद साबित होगा.
भारत और वेनेजुएला: एक नया आर्थिक पुल?
वेनेजुएला की सरकार का यह बयान साफ दिखाता है कि वे भारत को एक विश्वसनीय साझेदार के रूप में देख रहे हैं. वे सिर्फ खनिज ही नहीं देना चाहते, बल्कि भारत की कंपनियों को अपने यहां निवेश के लिए बुलाना भी चाहते हैं, ताकि वे अपनी अर्थव्यवस्था को फिर से खड़ा कर सकें. यह भारत के लिए भी अपनी वैश्विक पहुंच बढ़ाने और महत्वपूर्ण संसाधनों तक अपनी पकड़ मजबूत करने का एक बेहतरीन मौका है. अब देखना ये है कि आने वाले समय में दोनों देश इस दिशा में क्या ठोस कदम उठाते हैं, लेकिन फिलहाल, तो ये संकेत मिल रहे हैं कि दक्षिण अमेरिकी महाद्वीप से भारत के लिए एक नया आर्थिक पुल बन सकता है!
_1549759625_100x75.png)
_319444470_100x75.png)
_1180945512_100x75.png)
_441638052_100x75.png)
_1195473182_100x75.png)