कहते हैं मनुष्य का जीवन बहुत दुर्लभ होता है। यह बड़े भाग्य से मिलता है। महात्मा विदुर कहते हैं कि यह जीवन बहुत अनमोल है। इसको मन में उभरने वाले किसी भावनाओं के चक्कर में व्यर्थ नहीं गवा देना चाहिए। मनुष्य को मन पर नियंत्रण रखना चाहिए जिससे आपका जीवन सुखमय रहे है सफलता मिले। महात्मा विदुर ने अपनी विदुर नीति (Vidur Niti) में मन में उभरने वाले तीन मनोभावों पर नियंत्रण रखने को कहा है।
इन पर रखें अपना नियंत्रण
कामवासना
महात्मा विदुर (Vidur Niti) कहते हैं कि कामवासना से ग्रसित व्यक्ति का अपने विवेक पर नियंत्रण नहीं रह पाता है। उसमें सोचने समझने की क्षमता नहीं रह जाती है। उसके द्वारा किया गया कार्य अनैतिक होता है। ऐसे में मनुष्य को अपने काम भावना पर कंट्रोल रखना चाहिए जिससे समाज में उसका मान सम्मान बना रहे हैं।
क्रोध
विदुर नीति (Vidur Niti)में बताया गया है कि क्रोध मनुष्य का सबसे बड़ा शत्रु है क्योंकि यह सबसे पहले मनुष्य की बुद्धि को भ्रष्ट हो जाती है। क्रोधी स्वभाव का व्यक्ति हर छोटी छोटी बात पर नाराज हो जाता है और वह बिना सोचे समझे कार्य को अंजाम देता है जिससे उसे बड़ा नुकसान उठाना पड़ता है। अगर कोई व्यक्ति क्रोध में होता है तो उसके सामने कही हुई अच्छी बात का भी परिणाम ही निकलता है
लोभ
महात्मा विदुर ने अपनी विदुर नीति (Vidur Niti) में बताया है कि लालच मनुष्य को अंधा बना देता है। किसी दूसरे का धन हड़पने की इच्छा प्रबल हो जाती है। दूसरों को सुख में देखकर लालची व्यक्ति पश्चाताप से भर जाता है और वह थी कोशिश करता है के उसकी सारी वस्तुओं पर वह कब्जा कर लें। अपनी इसी भावना के चलते लोभी मनुष्य कभी भी सुख की नींद नहीं सो पाता है और हमेशा तनाव में रहता है जिससे वह बीमार और कमजोर होने लगता है।
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