img

Up Kiran, Digital Desk: मध्य प्रदेश के बड़वानी जिले के तलून गांव से एक बेहद अनोखी और चौंकाने वाली खबर आई है। बारिश की कमी से जूझ रहे इस छोटे से गांव के लोगों ने अपनी फसलों को बचाने के लिए एक ऐसी परंपरा अपनाई, जिसे सुनकर हर कोई हैरान रह गया। यहां कुछ ग्रामीणों ने एक जीवित व्यक्ति की प्रतीकात्मक शव यात्रा निकाली, जिसमें बैंड बाजों के साथ मातमी गीत भी गाए गए।

यह शव यात्रा सोमवार रात लगभग 11 बजे भिलट देव मंदिर से शुरू हुई। ग्रामीणों ने इसे गांव की मुख्य सड़कों से होते हुए चिंदी बोर स्थान तक ले जाया। इस दौरान बैंड की थाप पर ‘रघुपति राघव राजाराम’ जैसे लोकप्रिय भजनों की धुन बज रही थी, जो एक ओर जहां शोक की भावना जगाती थी, वहीं दूसरी ओर लोगों के मन में उम्मीद की एक नयी लौ भी जलाती रही।

शुरुआत में तो कई लोग इस आयोजन को किसी मृतक के सम्मान के तौर पर देखने लगे और उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करने लगे। लेकिन जब उन्हें यह पता चला कि यह असल में बारिश की कामना के लिए किया गया एक पारंपरिक टोटका है, तो उनकी प्रतिक्रिया भी बदली। अब वे उस जीवित व्यक्ति की लंबी उम्र और खुशहाली के लिए दुआ करने लगे।

सूखे से जूझता तलून गांव और ग्रामीणों का अनोखा समाधान

तलून गांव में इस साल बारिश का अभाव किसानों के लिए भारी संकट बन चुका है। खेत सूख रहे हैं और फसलें धीरे-धीरे मुरझाने लगी हैं। ऐसे में ग्रामीणों ने प्रकृति को खुश करने और बरसात लाने के लिए परंपरागत तरीकों का सहारा लेना जरूरी समझा।

इस विशेष पूजा और टोटके के अंत में, चिंदी बोर स्थान पर मौजूद लोगों ने प्रतीकात्मक पुतले को अग्नि के हवाले किया। ऐसा माना जाता है कि इस अनोखी रस्म से इंद्रदेव प्रसन्न होंगे और जल्द ही बारिश की बरसात होगी।

--Advertisement--