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हम सभी सोचते हैं कि इलेक्ट्रिक कारों का निर्माण वैज्ञानिक युग (21वीं सदी) में हुआ। मगर, कम ही लोग जानते हैं कि इलेक्ट्रिक कार बनाने की कोशिश 10-15 साल पहले नहीं, बल्कि 200 साल पहले शुरू हुई थी।

हालाँकि, बिजली और चार्जिंग मुद्दों के कारण उस समय इलेक्ट्रिक कारें बहुत लोकप्रिय नहीं थीं, और EV कारों को पूरी तरह से विकसित होने में 200 साल लग गए। तो आइए जानते हैं कैसी थी पहली इलेक्ट्रिक कार, किसने बनाई थी और क्या थी उस कार की रेंज।

19वीं शताब्दी की शुरुआत से, दुनिया भर के कई देशों में कई अलग-अलग प्रकार के वाहनों का निर्माण किया गया। उस समय चौपहिया वाहन लोगों की जिज्ञाषा का विषय था। मगर, उस समय डीजल से चलने वाले वाहनों का ही निर्माण होता था। मगर स्कॉटलैंड में एक मैकेनिक ने कुछ ऐसा किया जिसकी किसी ने कल्पना भी नहीं की होगी।

सन् 1832 में, स्कॉटिश मैकेनिक रॉबर्ट एंडरसन ने एक पुरानी डीजल से चलने वाली कार को इलेक्ट्रिक में बदल दिया। उन्होंने कार में सिंगल चार्ज बैटरी का इस्तेमाल किया, जिसे केवल एक बार ही चार्ज किया जा सकता था। यह इलेक्ट्रिक कार 4 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से सिर्फ 2.5 किलोमीटर ही चल सकी।

उस घटना के 20 साल बाद रिचार्जेबल बैटरी पर चलने वाली इलेक्ट्रिक कार आई। 1865 में, एक फ्रांसीसी वैज्ञानिक ने लेड एसिड बैटरी वाली पहली इलेक्ट्रिक कार चलाई। इलेक्ट्रिक कारों के विकास की प्रक्रिया जारी रही और 1891 में पहली इलेक्ट्रिक कारों ने अमेरिका की सड़कों पर कदम रखा।

आठ साल बाद थॉमस एडिसन ने इलेक्ट्रिक कारों के लिए नई बैटरी तैयार की, जो लंबे समय तक चली। 1899 में पोर्श ने पहली हाइब्रिड कार लॉन्च की, जो पेट्रोल बैटरी पर चल सकती थी। इसके बाद वक्त वक्त पर तरह-तरह के प्रयोग किए गए, मगर बैटरी से चलने वाली कारें टिक नहीं पाईं। आधुनिक ईवी कारों को आखिरकार 21वीं सदी में बनाया गया। वर्तमान में इन कारों की बहुत मांग है।

 

 

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