उत्तराखंड जल विद्युत निगम लिमिटेड (यूजेवीएनएल) ने अलग अलग नदियों में जल स्तर कम होने के चलते देवभूमि में बिजली उत्पादन में गिरावट दर्ज की है। अभी मार्च की शुरुआत है और वितरण और ट्रांसमिशन कंपनी उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (यूपीसीएल) चार धाम यात्रा और पर्यटन सीजन की व्यवस्था के बारे में चिंतित है।
यूपीसीएल के अफसरों ने कहा कि अप्रैल के महीने में बिजली की मांग में इतनी वृद्धि महसूस की गई थी, मगर इस साल तापमान में असामान्य वृद्धि से स्थिति प्रभावित हुई है। उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की 2020 की एक रिपोर्ट के अनुसार, पहाड़ियों में बढ़ते तापमान से ग्लेशियर प्रभावित हो रहे हैं, जिससे ये ग्लेशियर पिघल रहे हैं।
बिजली निगम के सूत्रों ने कहा कि बीते 6 दिनों में उसे यूजेवीएनएल से केवल 80 लाख यूनिट बिजली मिली है। मार्च के पहले सप्ताह में प्रदेश में बिजली की रोजाना खपत करीब 3 करोड़ 90 लाख यूनिट रही है। इनमें से 72 लाख यूनिट केंद्र सरकार से आईं। हालांकि, राज्य के अपने उत्पादन में कमी आई है। बीते हफ्ते इसमें 20 लाख यूनिट की कमी आई थी।
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