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wayanad bypoll: झारखंड और महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के साथ-साथ देश के 14 प्रदेशों में 48 विधानसभा सीटों और दो लोकसभा सीटों पर उपचुनाव हो रहे हैं। इनमें से एक प्रमुख लोकसभा सीट केरल की वायनाड है, जो राहुल गांधी के इस्तीफे के बाद खाली हुई थी। इस सीट पर 13 नवंबर को मतदान होगा और 23 नवंबर को परिणाम घोषित किए जाएंगे।

कांग्रेस ने प्रियंका गांधी को इस सीट पर अपना उम्मीदवार घोषित किया है, जिससे यह चर्चा शुरू हो गई है कि गांधी परिवार का "साउथ कार्ड" कितना प्रभावी होगा।

वायनाड, जहां 45% मुस्लिम आबादी है, कांग्रेस के लिए एक सुरक्षित सीट मानी जाती है। यहाँ के मुस्लिम वोटरों का कांग्रेस के प्रति समर्थन की एक पुरानी परंपरा है, और मुस्लिम लीग ने भी यहां कांग्रेस को समर्थन दिया है। इसके अतिरिक्त, 13% ईसाई आबादी भी कांग्रेस की ओर झुकी हुई है। 41% हिंदू आबादी में से भी कांग्रेस को समर्थन मिलने की संभावना है। इस समीकरण को देखते हुए, राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि प्रियंका गांधी की जीत की संभावना काफी अधिक है।

गांधी परिवार का उत्तर भारत में राजनीतिक प्रभाव मजबूत रहा है, लेकिन जब भी उन्होंने दक्षिण भारत का रुख किया है, उन्हें वहां से समर्थन मिला है। प्रियंका गांधी इस परंपरा को आगे बढ़ाते हुए दक्षिण भारत से चुनाव लड़ने जा रही हैं। इससे पहले, इंदिरा गांधी, सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने भी दक्षिण भारत की सीटों से चुनाव लड़कर जीत हासिल की है। प्रियंका गांधी का वायनाड से चुनाव लड़ना कांग्रेस के लिए एक सोच-समझकर उठाया गया कदम है, क्योंकि यहां की स्थिति पहले से ही मजबूत है।
 

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