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Uttarakhand News: राज्य सरकार की तरफ से मदरसों के संचालन को लेकर सख्ती बढ़ाई गई है। इसका असर राज्य में संचालित मदरसों के रिजस्ट्रेशन पर देखा जा रहा है। गैर-पंजीकृत मदरसों की जांच के बाद अब संचालकों ने मदरसा बोर्ड में मान्यता के लिए अप्लाई करना शुरू कर दिया है। धामी सरकार की ये पहल मदरसों के मान्यता की प्रक्रिया में पारदर्शिता और सुधार लाने की दिशा में अहम कदम साबित हो रही है।
मदरसा बोर्ड की तरफ से पिछले पांच सालों के बाद मान्यता के लिए एक समिति बैठक 27 फरवरी को शुरू की जा रही है। इस मीटिंग में अस्सी मदरसों को मान्यता दी जाएगी, जिनमें लगभग 60 पुराने और 20 नए आवेदन शामिल हैं। मदरसों की मान्यता प्रक्रिया में अब अधिक ध्यान दिया जा रहा है और इसके लिए कई जरूरी मानकों को पूरा करना होगा।
मदरसा बोर्ड के मुताबिक, किसी मदरसे की मान्यता के लिए 17 जरूरी शर्तों को पूरा करना अनिवार्य है। इनमें सोसायटी पंजीकरण, मदरसे के नाम पर जमीन, बच्चों के लिए पर्याप्त शिक्षक, किताबें, लाइब्रेरी, फर्नीचर, पानी, शौचालय जैसी मूलभूत सुविधाओं का होना अनिवार्य है। इसके अलावा मदरसा बोर्ड की मान्यता प्रक्रिया अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी की रिपोर्ट के आधार पर की जाती है। मौजूदा समय में उत्तराखंड में 415 पंजीकृत मदरसे हैं, जहां करीब 46,000 छात्र-छात्राएं शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं।