world news: एक दशक से ज्यादा वक्त तक बंदी रही यजीदी महिला फाजिया अमीन सिदो ने ब्रिटिश डॉक्यूमेंट्री फिल्म निर्माता एलन डंकन के साथ बातचीत के दौरान आईएसआईएस के अत्याचारों के बारे में बताया ।
हाल ही में उसे इजरायली रक्षा बलों (आईडीएफ) और अमेरिकी दूतावास द्वारा गाजा से बचाया गया था। सिदो ने कहा कि सीरिया में रहने के दौरान उसे मारे गए बच्चों का मांस खिलाया गया, उसे नशीला पदार्थ दिया गया और उसके साथ बलात्कार किया गया। सिदो का अपहरण तब हुआ जब वह 11 साल की थी। वह उन हज़ारों यज़ीदी लोगों में से एक थी जो आईएसआईएस के हाथों पीड़ित थे। अनुमान है कि 5000 लोगों की हत्या कर दी गई और 10,000 से ज़्यादा लोगों को बंधक बना लिया गया।
21 वर्षीय ने फिल्म निर्माता डंकन को बताया कि उसे और अन्य बंधकों को कैद में खाना खाने के बाद बीमार महसूस हुआ। तभी आईएसआईएस के सदस्यों ने खुलासा किया कि वे पके हुए बच्चे खा रहे थे। रिहा होने के बाद उन्होंने द सन से कहा: "उन्होंने चावल और मांस पकाया और हमारे पास लाए। क्योंकि हम बहुत भूखे थे, हमने बस वही खाया जो मेज़ पर था।
जब हम खा रहे थे तो हमें पता था कि कुछ गड़बड़ है क्योंकि स्वाद अजीब था मगर हमने बस इसलिए खाया क्योंकि हम भूखे थे। इसके बाद हम सभी को पेट में दर्द हुआ और बीमार महसूस हुआ।"
जब हमने खाना खाया, तो उन्होंने हमें बताया कि मांस बच्चों का था," बंधक ने कहा कि "वहाँ एक महिला थी जिसे उस समय दिल का दौरा पड़ा और उसकी मृत्यु हो गई। उन्होंने हमें कटे हुए बच्चों और शिशुओं की तस्वीरें दिखाईं और कहा 'ये वे बच्चे हैं जिन्हें तुमने खाया है'।
ये बहुत कठिन है मगर यह हमारी गलती नहीं थी, उन्होंने हमें मजबूर किया मगर निश्चित रूप से यह हमारे लिए बहुत कठिन है कि ऐसा हुआ। हमारे हाथ में कुछ भी नहीं था।"
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