img

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार पूर्व अखिलेश सरकार पर आरोप लगाती रहती है कि उनके कार्यकाल के दौरान अधिक भ्र्ष्टाचार हुआ है. वहीँ अब उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने उर्दू अनुवादक सह कनिष्ठ सहायक के 112 पदों की भर्ती प्रक्रिया निरस्त कर दी है। इन पदों पर भर्ती के लिए 28 अगस्त 2016 को परीक्षा आयोजित कराई गई थी।

आपको बता दें कि शासन के सतर्कता विभाग द्वारा नियुक्ति का औचित्य न पाए जाने से इसे निरस्त कर दिया गया है। समाजवादी सरकार में अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने वर्ष 2016 में सम्मिलित उर्दू अनुवादक सह कनिष्ठ सहायक (सामान्य चयन) के 112 पदों के लिए विज्ञापन निकालते हुए आवेदन मांगा था। इसकी भर्ती परीक्षा अगस्त 2016 में कराई गई। यह भर्ती प्रक्रिया केवल लिखित परीक्षा के आधार पर होनी थी।

साध्वी ने गोडसे पर दी सफाई, 3 घंटे में दूसरी बार लोकसभा में मांगी माफी,

गौरतलब है कि सत्ता परिवर्तन के बाद आयोग का नए सिरे से गठन किया गया। समाजवादी सरकार में हुई भर्तियों की जांच कराने का फैसला हुआ। आयोग ने इसके आधार पर ही सात जुलाई 2018 को उर्दू अनुवादक सह कनिष्ठ सहायक भर्ती के लिए चयन परिणाम घोषित करने के संबंध में सचिव सतर्कता विभाग से सहमति मांगी थी।

आपको बता दें कि आयोग के सचिव आशुतोष मोहन अग्निहोत्री ने गुरुवार को जारी आदेश में कहा है कि उर्दू अनुवादक सह कनिष्ठ सहायक के संबंध में सर्तकता विभाग ने इन पदों पर नियुक्ति का औचित्य नहीं पाया है। वहीं आयोग ने इसके आधार पर उर्दू अनुवादक सह कनिष्ठ सहायक भर्ती प्रक्रिया निरस्त करने का फैसला किया है।

--Advertisement--