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Up Kiran, Digital Desk: उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले से एक बार फिर ऐसी खबर आई है जिसने सरकारी स्वास्थ्य तंत्र की गंभीर खामियों को उजागर कर दिया है। बभनी ब्लॉक स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में शनिवार की सुबह एक चार महीने की गर्भवती महिला की मौत हो गई। महिला के परिजनों का आरोप है कि अस्पताल में मौजूद कर्मी ने गलत इंजेक्शन दे दिया, जिससे उनकी जान चली गई। घटना के बाद अस्पताल परिसर में अफरा-तफरी का माहौल बन गया।

डॉक्टर नहीं, टेक्नीशियन ने लगाया इंजेक्शन

मृतक महिला की पहचान देव कुमारी (उम्र 30 वर्ष) के रूप में हुई है। बताया जा रहा है कि उसे पेट में तेज दर्द की शिकायत के बाद उसके पति बासुदेव अस्पताल लेकर पहुंचे थे। लेकिन जब वे वहां पहुंचे, तब अस्पताल में कोई डॉक्टर मौजूद नहीं था। परिजनों के अनुसार, डॉक्टर की अनुपस्थिति में एक एक्स-रे टेक्नीशियन ने इलाज का ज़िम्मा उठाया और महिला को इंजेक्शन लगा दिया। कुछ ही मिनटों में उसकी तबीयत बिगड़ गई और मौके पर ही उसकी मौत हो गई।

"पीसीएम इंजेक्शन से गई जान" या कुछ और?

अस्पताल सूत्रों की मानें तो महिला को पीसीएम (पैरासिटामोल) का इंजेक्शन दिया गया था। हालांकि, परिजन इस दावे पर सवाल उठा रहे हैं। मृतका के पति बासुदेव का कहना है कि देव कुमारी चार महीने की गर्भवती थी और कुछ दिन पहले ही अल्ट्रासाउंड में शरीर में खून की कमी की बात सामने आई थी। उन्हें इस बात की आशंका है कि बिना डॉक्टर की सलाह के दी गई दवा जानलेवा साबित हुई।

हंगामा, नारेबाज़ी और पुलिस की दखल

मौत की खबर फैलते ही महिला के परिवार और गांव के कई लोग अस्पताल पहुंच गए। आक्रोशित परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा किया। स्थिति बिगड़ती देख पुलिस को मौके पर बुलाया गया। पुलिस ने समझा-बुझाकर मामला शांत कराया और महिला के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया।

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