Lucknow। आगामी 21 अगस्त से उत्तर प्रदेश में शुरू हो रहे मिशन शक्ति अभियान के तीसरे चरण को लेकर योगी सरकार ने पूर्वांचल की महिलाओं को विशेष तोहफा देने का फैसला किया है। बता दें कि बुंदेलखंड में बालिनी दुग्ध उत्पादक कंपनी की सफलता को दोहराने के मकसद से योगी सरकार ने गोरखपुर, देवरिया, महराजगंज और कुशीनगर की महिलाओं को डेयरियां स्थापित करके, दूध उत्पादन का प्रबंधन करके उन्हें आत्मनिर्भर बनाने का निर्णय लिया है। इस संबंध में पूर्वी उत्तर प्रदेश समेत राज्य के अन्य जिलों में भी महिला समूहों का गठन किया जा रहा है
गौरतलब है कि प्रदेश के प्रत्येक गांव में कम्प्यूटरीकृत प्रणाली के jariye दूध की खरीद की व्यवस्था की गई है। सरकार का यह प्रयास महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने और उनके समग्र विकास को एक नई राह देने का है। ऐसा पहली बार होगा जब पूर्वांचल जिलों के साथ-साथ रायबरेली, सुल्तानपुर, अमेठी, बरेली, पीलीभीत, खीरी, सीतापुर और रामपुर में महिलाएं दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र में काम करने जा रही हैं। इसके लिए सरकार पांच महीने में एक लाख नए स्वयं सहायता समूह बनाएगी और ‘महिला समर्थ योजना’ के माध्यम से उन्हें सहायता दी जाएगी।
इस योजना के अंतर्गत प्रदेश के विभिन्न जिलों में दुग्ध बाजार की उपलब्धता एवं दूध संग्रहण की पारदर्शी व्यवस्था की गयी है। महिलाओं को दूध की कीमत का भुगतान नियमित रूप से उनके व्यक्तिगत बैंक खातों में किया जायेगा। गौरतलब है कि बलिनी दुग्ध उत्पादक कंपनी के माध्यम से बुंदेलखंड के 05 जिलों झांसी, जालौन, हमीरपुर, बांदा और चित्रकूट के 634 गांवों की 24180 से अधिक महिला किसानों को वित्तीय निर्भरता के सफल मॉडल में लगाया गया है।
बालिनी कंपनी अपनी आजीविका कमाने के लिए प्रतिदिन 60 हजार लीटर से अधिक दूध इकट्ठा करती है। इसके साथ ही कंपनी को राष्ट्रीय आजीविका मिशन और उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन द्वारा वित्त पोषित किया गया है और दिसंबर 2019 में सीएम योगी आदित्यनाथ द्वारा इसका उद्घाटन किया गया था। इस योजना के तहत दूध का भुगतान सीधे महिला किसानों के खाते में किया जाता है। इस कड़ी में अब ग्रामीण रोजगार के तहत महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए मिशन शक्ति के तीसरे चरण में सरकार राज्य के विभिन्न जिलों में 500 नई राशन की दुकानें आवंटित करने जा रही है।