जीका वायरस के बढ़ते प्रकोप के बीच डॉक्टर्स की ओर से एक राहत की खबर यह भी है कि इस वायरस को लेकर ज्यादा घबराने की जरूरत नहीं है। डेंगू, मलेरिया की तरह यह बीमारी भी सही समय पर सही इलाज मिलने से ठीक हो जाती है। अभी तक देश में इस वायरस के संक्रमण के जो भी मामले मिले हैं। उसमें से ज्यादातर पेशेंट्स ठीक हो गए।
कैसे फैलता है यह वायरस-
- इस वायरस का संक्रमण मच्छरों से फैलता है। डेंगू और चिकनगुनिया फैलाने वाला एडीज मच्छर ही जीका वायरस भी फैलाता है।
- यह वायरस संक्रमित व्यक्ति से सेक्सुअल ट्रांसमिशन के दौरान भी एक से दूसरे शख्स में फैल सकता है।
- जीका वायरस की पहचान युगांडा देश के जीका जंगल में हुई थी। वायरस का इनक्यूबेशन पीरियड 3 से 14 दिन तक का है। जिसके बाद इसके लक्षण दिखते हैं।
- इसके संक्रमित पेशेंट्स को बुखार, दर्द, जोड़ों में दर्द, सिरदर्द की प्रॉब्लम होती है।
कैसे करें बचाव-
- घरों में पानी जमा न होने दें, जिन जगहों पर पानी जमा होता है वहां सफाई कराएं।
- घरों में सोते वक्त मच्छरदानी का इस्तेमाल करें। शरीर ढक कर रखें। हल्के रंगों वाले कपड़े पहनें।
- प्रेग्नेंट महिलाएं मच्छरों के प्रकोप से बचने के लिए खासतौर पर सावधान रहें। रिपेलेंट से लेकर मच्छर के बचाव के सभी जरूरी उपाय करें।
- कूलर व नालियों में मिट्टी के तेल का छिड़काव कर सकते हैं।
- एनीमिक और कुपोषित महिलाएं व बच्चों का विशेष ध्यान रखें। लो इम्युनिटी ग्रूप के लोग विशेष सावधानी बरतें।
- लगातार 7 दिनों तक बुखार आए तो मेडिकल स्टोर से दवा खरीद कर खाने की बजाय फिजीशियन को दिखाएं।