इस दौरान योगी व मायावती ना ही कोई रैली को संबोधित कर पाएंगे, ना ही सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर पाएंगे और ना ही किसी मीडिया को इंटरव्यू दे पाएंगे। गौरतलब है कि बसपा प्रमुख मायावती ने उत्तर प्रदेश के देवबंद में चुनावी सभा के दौरान मुस्लिम समुदाय के लोगों से वोटों के लिए अपील की थी। मायावती का ये बयान धर्म के नाम पर वोट मांगने के नियम का उल्लंघन है।
वहीं यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ ने अपने एक संबोधन में मायावती पर हमला करते हुए कहा था कि अगर विपक्ष को अली पसंद है, तो हमें बजरंग बली पसंद हैं। आयोग ने सीएम योगी के 9 अप्रैल को मेरठ में रैली के दौरान धर्म से जुड़े बयान दिए थे। आयोग ने इसकी वीडियो क्लिपिंग को देखने के बाद यह निर्णय लिया है। इस वीडियो में आदर्श आचार संहिता का खुला उल्लंघन पाया गया।