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लखनऊ ।। राजधानी लखनऊ में ग्रीन गैस की पाइल बिछाने को लेकर रोड-कटिंग में करोड़ों रुपए के घोटाले की बू आ रही है। नगर निगम को भी इसकी जानकारी नहीं है कि ग्रीन गैस लिमिटेड ने अब तक कितने किलोमीटर सड़कें काट डाली हैं।

ऐसे में सवाल ये उठ रहा है कि निगम के कुछ अधिकारियों और ग्रीन गैस लिमिटेड के बीच जो साठगांठ हुई, उससे सरकार को राजस्व का भारी नुकसान हो रहा है।

नगर निगम के नए चीफ इंजीनियर द्वारा दी जानकारी से यह स्पष्ट है कि दाल में कुछ काला जरूर है और इस मामले में एमडी जिलेदार सिंह की चुप्पी इस बात का संकेत है कि विभाग में करोड़ों की घोटाले की जो बात सामने आ रही है वो उसकी स्वतः पुष्टि हो गयी है।

नगर आयुक्त के निर्देश पर चीफ इंजीनियर एसपी सिंह ने दो बार रिमाइंडर भेजे, लेकिन उनके जोन के अधिकारी ही इसकी सही जानकारी देने से डर रहे हैं।

इसके पहले चीफ इंजीनियर एसके अम्बेडकर ने भी कोशिश की थी कि सभी जोन से रिकॉर्ड आए, लेकिन अब तक न तो रिकॉर्ड आया और नहीं विभाग कुछ बताने की हैसियत में है। इस बीच अम्बेडकर का तबादला भी हो गया।
फोटोः बाएं ग्रीन गैस लिमिटेड के सीएमडी और दाएं एमडी।

 

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