लखनऊ।। भ्रष्टाचार का समूल नाश करने की बात कहने वाले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की भ्रष्टाचार विरोधी मुहीम को ठेंगा दिखने वाले इस रिटायर्ड IAS अफसर मणि प्रसाद मिश्रा के विरुद्ध प्रदेश सरकार ने कोई कार्रवाई तो नहीं की, उलटे इस नटवरलाल अफसर को सलाहकार के पद पर नियुक्त करते हुए सरकारी संरक्षण जरूर दे दिया है।
नटवरलाल रिटायर्ड IAS अफसर मणि प्रसाद मिश्रा के फर्जीवाड़े का खुलासा हुए 6 माह से अधिक का वक्त बीत चुका है। लेकिन प्रदेश सरकार द्वारा अभी तक इस प्रकरण में कोई कार्रवाई सामने नहीं आयी है। फर्जी दस्तावेजों के आधार पर 10 महीने नौकरी बढ़वाने वाला अफसर मौज में है। बता दें कि मणि प्रसाद मिश्रा के द्वारा उत्तर प्रदेश की समाजवादी पार्टी सरकार में गृह विभाग में विशेष सचिव गृह के पद पर तैनाती के एक माह बाद ही सचिव बनाये गये IAS अफसर को लेकर एक बड़ा चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसने देश की सर्वोच्च सेवा को ही संदेह के दायरे में ला दिया है।
इस नटवरलाल IAS अफसर मणि प्रसाद मिश्रा ने जिसे प्रदेश सरकार के गृह सचिव के पद से बुधवार 30 नवंबर 2016 को तीन माह के लिए सेवानिवृत्ति के बाद OSD पदेन सचिव पद पर पुनर्नियुक्ति दी गयी थी, बीजेपी सरकार में भी अपना रसूख कायम रखा है। तब से लगातार मणि प्रसाद मिश्रा की सेवायें बढ़तीं गयी।
सरकार बदली लेकिन मणि प्रसाद मिश्रा अपनी जगह बने रहे। हालाँकि बीजेपी सरकार में उनका सिर्फ एक बार ही कार्यकाल बढ़ाया गया लेकिन इस अफसर ने फिर भी हिम्मत नहीं हारी और नई गुणा-गणित में लगे रहे। सूत्रों की मानें तो उन्होंने अधीनस्थ चयन सेवा आयोग के अध्यक्ष बनने के लिये सारे घोङे खोल दिये लेकिन आयोग में अध्यक्ष की घोषणा के बाद मणि प्रसाद की ये उम्मीद धरी रह गयी।
उसके बाद उच्च शिक्षा चयन आयोग के नये चेयरमैन की घोषणा के बाद एक बार उन्हें तगड़ा झटका लगा। सेवानिवृति के बाद अभी कुछ माह ही बीते हैं कि IAS अफसर मणि प्रसाद मिश्रा का एक ऐसा काला कारनामा सामने आया है जिससे नियुक्ति विभाग से लेकर भारत सरकार के कार्मिक मंत्रालय पर सवाल खड़े हो गये हैं। मणि प्रसाद मिश्रा जबसे सेवा में आये तब से लगातार उनकी जन्मतिथि 1.02.1956 समय-समय पर ग्रेडिशन लिस्ट में छपती रही।
यहाँ तक कि IAS में प्रमोशन के बाद भी उनकी जन्मतिथि 01.02.1956 ही रही। लेकिन फिर अचानक वर्ष 2016 की ग्रेडिशन लिस्ट में मणि प्रसाद मिश्रा की जन्मतिथि 01.12.1956 हो जाती है। यानि मणि प्रसाद मिश्रा की नौकरी आश्चर्यजनक तरीके से सीधे-सीधे 10 महीने बढ़ जाती है। इस सम्बन्ध में जब नियक्ति विभाग के अधिकारियों से संपर्क कर जानकारी की गयी तो वहां के अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि ग्रेडिशन लिस्ट को कोई त्रुटि संभव ही नहीं।
बताया गया कि सीनियारटी लिस्ट जारी करने से पहले टेंटेटिव जारी किया जाता है। पूरी छानबीन के बाद ही ग्रेडिशन लिस्ट जारी की जाती है। छानबीन से ये तो स्पष्ट हो गया कि ग्रेडिशन लिस्ट में छपी सीनियारटी लिस्ट में इस तरह की त्रुटि संभव ही नहीं। तो फिर ऐसे में सवाल ये उठता है कि क्या देश की इस सर्वोच्च सेवा में भी इस तरह की हेराफेरी हो सकती है।
देखिये PCS ग्रेडिशन लिस्ट 2006 में IAS मणि प्रसाद मिश्रा की जन्मतिथि-
देखिये IAS ग्रेडिशन लिस्ट 2014 में IAS मणि प्रसाद मिश्रा की जन्मतिथि-
देखिये IAS ग्रेडिशन लिस्ट 2016 में IAS मणि प्रसाद मिश्रा की बदली हुई जन्मतिथि-
देखिये IAS ग्रेडिशन लिस्ट 2017 में IAS मणि प्रसाद मिश्रा की बदली हुई जन्मतिथि-
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