जेईई एडवांस्ड की परीक्षा का परिणाम दोबारा किया जा सकता जारी

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आईआईटी में दाखिले के लिए आयोजित की जाने वाली जेईई एडवांस्ड की परीक्षा का परिणाम दोबारा जारी किया जा सकता है। ज्वाइंट एडमिशन बोर्ड (जैब) की तरफ से आईआईटीम में दाखिले के लिए हाई कटऑफ लागू करने से क्वालिफाई हुए छात्रों की संख्या 8 साल में सबसे कम होने के चलते इस बार सीटें खाली रह जाने का खतरा पैदा हो गया है। इससे निपटने के लिए जैब की एक इमरजेंसी बैठक जेईई एडवांस्ड-2018 की आयोजक आईआईटी कानपुर की अध्यक्षता में बुधवार को बुलाई गई है, जिसमें दोबारा रिजल्ट पर फैसला होगा।
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आईआईटी से जुड़े वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, वीडियो कांफ्रेंसिंग से होने वाली इस बैठक में तय होगा कि कम कटऑफ के जरिए दोबारा रिजल्ट जारी कर क्वालिफाई छात्रों की संख्या बढ़ाई जाए या नहीं। यदि ऐसा हुआ तो ये उन छात्रों के लिए खुशखबरी होगी, जो हाई कटऑफ के कारण क्वालीफाई नहीं हो पाए थे। लेकिन इन वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, इस बात को भी लेकर पसोपेश पैदा हो रहा है कि यदि दोबारा रिजल्ट जारी किया गया तो इससे आईआईटी को लेकर छात्रों और अभिभावकों का भरोसा टूटेगा, जो इसके स्टेट्स सिंबल को कम कर सकता है।

जेईई चेयरमैन प्रो. शलभ ने बताया कि इमरजेंसी बैठक में रिजल्ट जारी होने की पूरी जानकारी दी जाएगी। जहां तक कम छात्रों के क्वालीफाई होने की बात है तो यह संभव नहीं है। इस बार सामान्य वर्ग के लिए 10 मार्क्स क्वालीफाइंग रखे गए थे। जबकि ओबीसी के लिए 9 व अन्य आरक्षित वर्ग के लिए पांच अंक थे। जितने छात्रों ने क्वालीफाइंग अंक या इससे अधिक हासिल किया है उन्हें क्वालीफाई कर दिया गया है। जो दस नंबर भी नहीं पाए हैं उन्हें क्वालीफाई कराने का कोई मतलब नहीं है।

इस कारण हो रही चिंता

बुलांएगे ‘बेटियों’ को आईआईटी देखने
सभी आईआईटी के सामने एक समस्या केंद्र सरकार की तरफ से गर्ल्स सुपर न्यूमेरी कोटे के तहत अतिरिक्त आठ सौ सीट दिए जाना भी बना है। जेईई एडवांस्ड की कठिन परीक्षा पास करने वाली दर्जनों छात्राओं ने आईआईटी की बजाय घर के पास के कॉलेज में दाखिला लेने की बात कही है। ऐसे में ये सीटें भी पूरी भर जाएं, इसके लिए सभी आईआईटी अपने-अपने जोन में क्वालिफाई होने वाली व अन्य छात्राओं को ऑरिएंटेशन प्रोग्राम के तहत अपना कैंपस आकर देखने के बाद प्रवेश पर निर्णय लेने के लिए प्रेरित करेंगी।

ये है आंकड़ा
18138 छात्र ही क्वालिफाई हुए हैं इस बार
11279 सीट हैं देश की 23 आईआईटी में
800 अतिरिक्त सीटें भी जोड़नी हैं इन सीटों में तो 12
12 हजार से ज्यादा सीट हो जाती हैं इस तरह प्रवेश के लिए

दरअसल जेईई पास करने वाले बहुत सारे छात्र अन्य प्रतिष्ठित संस्थानों में प्रवेश ले लेते हैं या इंजीनियरिंग के लिए विदेश चले जाते हैं। इस बार प्रति सीट मात्र 1.6 छात्र का ही आंकड़ा है। ऐसे में यदि अन्य संस्थानों में जाने वालों की संख्या बढ़ी तो आईआईटी के लिए छात्र कम पड़ सकते हैं।

वर्ष         क्वालिफाई छात्र   कुल सीट  छात्र/सीट
2011        13,196    9,627        1.4
2012        24,112    9,647        2.5
2013         20,834     9,867        2.1
2014      27,151    9,784        2.8
2015        26,354    10,006    2.6
2016        36,566    10,572    3.5
2017        51040        10,988    4.6
2018        18,138    11279        1.6

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