सैलरी आने पर सबसे पहले करें ये काम, कभी नहीं होगी परेशानी !

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बिजनेस डेस्क. महीने की सैलरी मिलते ही हम अपने खर्चे और बचत का हिसाब लगाने लग जाते हैं। सैलरी का अधिकतर हिस्सा खर्चे चलाने में ही निकल जाता है। बचे हिस्से को लोग जमा कर लेते हैं।

सैलरी

विशेषज्ञों का मानना है कि अपना भविष्य सुरक्षित करने के लिए सैलरी आते ही सेविंग के लिए पैसे निकाल लें और उसके बाद अपने खर्चे निकालें। आज हम आपको ऐसी बातें बताने जा रहे हैं जिनसे आप अपनी सैलरी में अच्छी सेविंग भी कर सकेंगे और खर्च भी निकाल सकेंगे।

सैलरी आते ही करें 20-30 फीसद की सेविंग

सैलरी आते ही उसे खर्च करना ना शुरू करें। सैलरी आते ही उसके 30 फीसद हिस्से को सेविंग में डाल दें। इससे लॉन्ग टर्म में फायदे होते हैं। आप किसी भी जरूरत के वक्त इस सेविंग का इस्तेमाल कर सकते हैं। सेविंग के लिए पीपीएफ, पीएफ, म्यूचुअल फंड आदि का सहारा ले सकते हैं।

उम्र के हिसाब से करें फाइनेंशियल प्लानिंग

एक्सपर्ट्स का मानना है कि उम्र के हिसाब से भी फाइनेंशियल प्लानिंग करनी चाहिए। इसका मतलब है कि आप इस बात का ध्यान रखें कि किस उम्र में आपको कितने पैसे की जरूरत पड़ेगी। इससे आपके पास अपनी जरूरतों के हिसाब से पैसे मौजूद रहेंगे।

इमरजेंसी के लिए बनाए अलग फंड

जिंदगी में मुश्किल वक्त कभी भी आ सकता है। कई बार ऐसी इमरजेंसी सिचुएशन आ जाती है जब अचानक से पैसों की जरूरत पड़ जाती है। ऐसे में अगर आपके पास इमरजेंसी के लिए फंड हो तो काम आसान हो जाता है। इसलिए अपनी सेविंग्स का एक छोटा हिस्सा इमरजेंसी फंड के लिए बचाकर रखें। यह मुश्किल वक्त में आपका काम आसान कर देगा।

महीने के खर्च को करें अच्छे से मैनेज

सैलरी का बड़ा हिस्सा घर का खर्च चलाने में चला जाता है। इन खर्चों में किचन का बिल, ग्रॉसरी का खर्च, मोबाइल-इंटरनेट का खर्च आदि शामिल है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि घर खर्चों के लिए अपनी सैलरी का 40-50 फीसद हिस्सा निकालें। साथ ही ध्यान रखें कि अपने सारे बिल तय समय से पहले चुका दें। इससे आप बेवजह टेंशन से तो बचेंगे ही साथ ही उन पर लगने वाली पेनल्टी से भी बच पाएंगे।

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