
न्यू बॉर्न बेबीज यानी नवजात शिशुओं के शरीर से आनेवाली गंध सभी को लुभाती है। लेकिन ऐसा क्या है जो नवजात बच्चों के शरीर में इस गंध को उत्पन्न करती है? इस विषय पर हाल ही में किए एक अध्ययन को पिछले दिनों एक जर्नल में प्रकाशित किया गया।
इस स्टडी मेंशोधकर्ताओं ने 30 महिलाओं पर रिसर्च किया, जिनमें वें15 महिलाएं थीं, जिन्होंने हाल ही बच्चे को जन्म दिया है। बाकी 15 महिलाएं वे थीं, जिन्होंने अभी तक किसी बच्चे को जन्म नहीं दिया है। इन सभी महिलाओं को 2 दिन पहले जन्मे नवजात बच्चों को पहनाए गए कपड़े सूंघने के लिए दिए गए। इस दौरान दोनों महिलाओं के मस्तिष्क के उस हिस्से की सक्रियता बढ़ी हुई पाई गई, जो कोई उपहार मिलने या टेस्टी फूड खाने के दौरान एक्टिव होता है।
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स्टडी में सामने आया कि नवजात शिशुओं के अंदर से जो मदहोश करने वाली गंध आती है, वह दिमाग को एक तरह की उत्तेजना और सुकून देती है।हालांकि वैज्ञानिकों ने अभी तक 100 प्रतिशत श्योरिटी के साथ इसका कोई जवाब नहीं दिया है, क्योंकि इस दिशा में अध्ययन अभी जारी है। परंतु उन्होंने कई कारण जरूर साफ किए हैं। इनमें से पहला कारण है, बच्चों के शरीर से उनके पसीने के साथ निकलने वाले रसायन।
हालांकि, उनकी गंध छह सप्ताह से अधिक समय तक नहीं रहती है, क्योंकि तब तक वे बाहरी चीजें खाना और पीना शुरू करते हैं, जिससे उनका मेटाबॉलिज़म बदलना शुरू हो जाता है। वहीं, दूसरी वजह यह है कि यह खुशबू हमारे दिमाग को सीधे तौर पर इसलिए इफेक्ट करती है, क्योंकि हमारा ब्रेन अच्छी और बुरी यादों को गंध के माध्यम से भी जज करता है। हम जिन चीजों से प्यार करते हैं, उनकी खुशबू हमें आकर्षित करती है और ब्रेन का एक हिस्सा एक्टिव होकर हमें उन चीजों से जोड़ता है।
साथ ही जो चीजें हमें नुकसान पहुंचाती है, उनकी गंध से हमारा ब्रेन एक्टिव होकर नकारात्मक प्रक्रिया देता है। यही वजह है कि ना केवल मां को बच्चे की खुशबू और उसके कपड़ों की खुशबू आकर्षित करती है, बल्कि कुछ ना बोल पानेवाले बच्चे भी अपनी माताओं द्वारा पहने जाने वाले कपड़े बहुत पसंद होते हैं और वे अपनी मां के दूध की खुशबू से आराम महसूस करते हैं।
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