कैराना नूरपुर की सीट को लेकर बीजेपी में असमंजस का दौर जारी, अखिलेश और मायावती ने बिगाड़ा खेल!

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लखनऊ।। कैराना लोकसभा सीट और बिजनौर जिले की विधानसभा सीट को लेकर बीजेपी असमंजस के दौर से गुजर रही है। एक तरफ तो भाजपा को इन दोनों ही सीटों पर सहानुभूति लहर की उम्मीद है वहीँ दूसरी तरफ इन दोनों सीटों के लिए जिताऊ उम्मीदवार की तलाश भी जारी है। बतादें कि कैराना लोकसभा सीट सांसद हुकुम सिंह और बिजनौर जिले की नूरपुर विधानसभा सीट विधायक लोकेन्द्र सिंह के निधन के बाद रिक्त हुई है।

गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा क्षेत्र में उप-चुनाव हारने के बाद कैराना लोकसभा और बिजनौर जिले की नूरपुर विधानसभा क्षेत्र का उप-चुनाव बीजेपी के लिए कठिन चुनौती बन गया है। चुनाव तिथियों की घोषणा होने के बाद बीजेपी यह दोनों सीट जीतने के लिये सोमवार को गाजियाबाद की बैठक में खास रणनीति बनाने जा रही है। चुनाव जीतने के लिये संगठन की जवाबदेही तय की जायेगी। बीजेपी चुनाव को देखते सारे समीकरण दुरुस्त करने पर जोर दे रही है।

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गोरखपुर और फूलपुर की लोकसभा सीटें सीएम योगी आदित्यनाथ और डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के इस्तीफे से खाली हुई थीं वहीँ कैराना लोकसभा सीट सांसद हुकुम सिंह और नूरपुर विधानसभा सीट विधायक लोकेंद्र सिंह के निधन से रिक्त हुई। इसलिये दोनों ही क्षेत्रों में बीजेपी सहानुभूति की लहर चला सकती है। ज्यादा संभावना यह है कि हुकुम सिंह की बेटी और लोकेंद्र सिंह की पत्नी को ही बीजेपी उम्मीदवार बना दे। हालाँकि पार्टी में दूसरे जिताऊ उम्मीदवारों को लेकर भी मंथन का दौर चल रहा है। बीजेपी किसी भी हाल में यह दोनों सीटें जीतने के लिये कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहती। सपा और बसपा गठबंधन के चलते बीजेपी इस चुनाव को बड़ी चुनौती के रूप में ले रही है।

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बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय और भाजपा संगठन महामंत्री सुनील बंसल का जोर हर बूथ जीतने को लेकर है। हालाँकि फूलपुर और गोरखपुर में चुनाव से पहले प्रभारी बनाये गये थे लेकिन, बूथों तक कोई कारगर पकड़ नहीं बन सकी। इस बार संगठन उन सभी खामियों को दूर कर, हर बूथ पर अपनी मजबूत संरचना तैयार करने की बात कही जा रही है। वोटर को मतदान स्थल तक पहुंचाने के लिये भी बीजेपी टोलियों का गठन करेगी। बताया जा रहा है कि गाजियाबाद की बैठक में दोनों सीटों पर उम्मीदवारों के नाम पर मुहर लग जायेगी।

फोटोः फाइल

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